पश्चिमी विक्षोभ के असर से आज राजस्थान के कई शहरों में हल्के बादल छाए। साथ ही अलवर, सीकर और झुंझुनूं में सुबह घना कोहरा छाया, जिससे विजिबिलिटी 70 मीटर तक रह गई। इससे राज्य के कई शहरों में तापमान में गिरावट हुई। हालांकि गर्मी से कोई खास राहत नहीं मिली। सामान्य से 4-5 डिग्री से तापमान होने के कारण पूरे प्रदेश में गर्मी का असर तेज बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले एक सप्ताह तक राज्य में गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं है। 26 फरवरी से तो तापमान और बढ़ने की आशंका जताई है।
जयपुर मौसम केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चूरू, जयपुर, जोधपुर, पिलानी, सीकर, गंगानगर, उदयपुर समेत कई शहरों में रात का न्यूनतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस ऊपर बना हुआ है। इस कारण इन शहरों में अब सुबह-शाम की सर्दी भी खत्म हो गई। कोटा, जोधपुर, जैसलमेर, जयपुर के अलावा अन्य कई शहरों में रात का न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहने लगा है। वातावरण में नमी कम होने से अब दिन में गर्म हवाएं भी चलनी शुरू हो गई।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आसमान में हल्के बादल छाने के कारण नमी और गर्मी निचले स्तर पर फंस गई है। इस कारण जहां नमी अच्छी थी, वहां कोहरा छाने लग गया। हालांकि दिन निकलने के साथ ही आसमान साफ हो गया।
फरवरी में हालात ये हो गए है कि सुबह 9 बजे से ही गर्मी के तेवर तेज होने लग गए है। दोपहर 12 बजे तक पसीने छूटने लगते हैं। फरवरी के आखिरी सप्ताह में गर्मी का ये प्रकोप इस बार लम्बे समय बाद देखने को मिला है। फरवरी में आई इस तेज गर्मी का सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। शेखावाटी के अलावा अजमेर, जोधपुर संभाग के कई जिलों में तो तेज गर्मी के कारण सरसों और तारामीरा की फसलों को नुकसान पहुंचा है। यहां फसलें बारिश नहीं होने के कारण देर से बोयी गई थी, जो समय से पहले पक रही है।
मौसम विशेषज्ञ अनुमान जता रहे है कि मार्च में और भी तेज गर्मी पड़ने की आशंका है। मार्च के पहले सप्ताह में कई शहरों में दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है। पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, बाड़मेर, जालौर, फलौदी बेल्ट में तापमान 43 या 44 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इसका कारण अगले एक सप्ताह तक राजस्थान या उत्तर भारत में कोई भी मजबूत वेर्स्टन डिर्स्टबेंस का नहीं आना माना जा रहा है।
