लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को यूपी पुलिस ने नोटिस भेजा है। नेहा राठौर ने हाल ही में “यूपी में का बा” करके एक गीत गया गाया था। इस गीत में नेहा ने कानपुर देहात में हुए बुल्डोज़र एक्शन और उसमें जल कर मरी मां-बेटी को लेकर यूपी सरकार पर तंज कसा था। नोटिस में पुलिस ने लिखा है कि नेहा के इस गीत से समाज में “वैमनस्य और तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है।” नेहा से तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
अभी कुछ दिनों पहले ही नेहा ने बातचीत में बताया था कि यूपी में जो कुछ है, वह तो सरकार बड़े-बड़े सरकारी विज्ञापनों और उनके कलाकार गानों के माध्यम से सब कुछ बता ही रहे हैं। अखबार रोज सरकार की उपलब्धियों के आंकड़ों को बताने से नहीं थक रहे हैं। ऐसे में वह जनता की आवाज बन रही हैं और यही वजह है कि वह यूपी में “सब बा” की जगह यूपी में “का बा” की तलाश कर रही हैं। क्योंकि यह जनता की तलाश है और वह जनता की बात कर रही हैं।
नेहा ने कहा कि उनका मानना है कि लोकतंत्र में सरकारों से सवाल पूछने चाहिए, ना कि उनके किए गए काम के कसीदे पढ़ने चाहिए। उसको पढ़ने के लिए तो सरकारी मीडिया है ही और उन्हें अच्छे काम करने के लिए ही तो चुना गया था। अगर हम, जिन्होंने वोट दिया है, वह उनसे सवाल नहीं करेंगे तो फिर कौन करेगा। इसलिए एक ऐसे दौर में जब मीडिया से लेकर जिन पर इस तरह के सवाल पूछने की जिम्मेदारी थी, वह चुप हैं या एक तरफा तारीफ में लगे हैं। ऐसे में नेहा जैसी एक लड़की लोकतंत्र के उस परचम को ऊंचा उठाने के लिए लोगों से सवाल कर रही है कि यूपी में “का बा”।
नेहा के इस गीत ने यूपी की राजनीति में एक भूचाल ला दिया है। उन्हें तरह-तरह से ट्रोल किया जा रहा है। उनके कुछ पुराने वीडियो भी लाकर यह बताया जा रहा है कि नेहा ने गाने से तौबा कर ली है। नेहा कहती हैं कि वह इन चीजों से न तो डरने वाली हैं और न रुकने वाली हैं। अभी वह जनता की आवाज बन कर यूपी के चुनाव में पार्ट 2 लेकर आई हैं। इसके आगे भी वह पार्ट थ्री और पार्ट फोर भी लेकर आएंगी।
