सुप्रीम कोर्ट ने काफी विचार करने के बाद अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर एक छह सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। पूर्व जस्टिस एएम सप्रे इसकी अध्यक्षता करेंगे। बाकी पांच सदस्य देश के अपने-अपने क्षेत्र के नामचीन लोग हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अदाणी समूह के मालिक गौतम अडानी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहाकि उनका ग्रुप माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करता है। यह समयबद्ध तरीके से अंतिम रूप लाएगा। सत्य की जीत होगी।
इस छह सदस्यीय कमेटी में रिटायर जस्टिस एएम सप्रे के अतिरिक्त ओपी भट्ट, जस्टिस केपी देवदत्त, केवी कामत, एन. नीलकेणी, सोमेशेखर सुंदरेशन हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेबी हिंडनबर्ग रिपोर्ट और बाजार उल्लंघन के आरोपों पर पहले से जांच कर रही है। यह जांच जारी रहेगी। सेबी 2 महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करे।
भारत के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने अधिवक्ता विशाल तिवारी, एम.एल. शर्मा, कांग्रेस नेता जया ठाकु और अनामिका जायसवाल द्वारा दायर याचिकाओं पर यह आदेश दिया।
इससे पहले पीठ ने 17 फरवरी को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने केंद्र की तरफ से विशेषज्ञों के नाम वाले सुझाव सीलबंद लिफाफे में लेने से इनकार कर दिया था। पीठ का तर्क था कि वह निवेशकों की सुरक्षा के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहती है।
