खाटूश्याम के लक्खी मेले में आज लाखों भक्त दर्शन करने पहुंचे। एकादशी पर बाबा खुद अपने भक्तों से मिलने दरबार से बाहर आए। दोपहर 12 बजे सजे-धजे रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले। करीब 2 घंटे तक बाबा पूरे नगर में घूमे, फिर वापस मंदिर आए।
नगर भ्रमण के लिए श्याम बाबा का खास शृंगार किया गया था। उन्हें सूखा मेवे, नारंगी फूलों, लेमन ग्रास व लाल गुलाब व विशेष इत्र से सजाया गया था। महंत मोहनदास महाराज ने बताया कि बाबा मंदिर चौक से रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले। उन्होंने बताया कि जो लोग मंदिर में बाबा का दर्शन नहीं कर पाते हैं, उन्हें दर्शन देने बाबा श्याम एकादशी पर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। खाटूश्यामजी के दर्शन कर श्रद्धालु उपवास खोलते हैं।
बाबा की रथ यात्रा श्याम कुंड, रेवाड़ी वालों की धर्मशाला, बस स्टैंड होते हुए कबूतर चौक पहुंची। उसके बाद वापस मंदिर लौटी। बाबा खाटू श्याम की रथ यात्रा मंदिर के पुराने मुख्य द्वार से शुरू हुई। नीले घोड़े पर सवार बाबा श्याम की आरती की गई थी। यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को रथ से टॉफियां बांटी गईं।
मंदिर कमेटी अध्यक्ष प्रताप सिंह ने बताया कि मेले में 24 घंटे बाबा श्याम श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। रात 12 बजे से 12.10 बजे तक बाबा को शयन करवाया जाता है। 50 मिनट तक बाबा का शृंगार किया जाता है। इस दौरान श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं होते हैं। भीड़ ज्यादा होने पर इस समय में बदलाव किया जा सकता है।
22 फरवरी से शुरू हुआ श्याम बाबा का लक्खी मेला 4 मार्च को द्वादशी के दिन पूरा हो जाएगा। राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश समेत देश के अलग-अलग राज्यों से भक्त पहुंच रहे हैं। भक्त पैदल यात्रा करके और हाथों में निशान लेकर आए हैं। माथे पर श्याम बाबा की पट्टी को बांध रखा था।
