राम मंदिर निर्माण के साथ अब अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद निर्माण की भी स्वीकृति मिल गई है। राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद मुस्लिम समाज के लोगों को अयोध्या से 25 किमी दूर धनीपुर में 5 एकड़ की जमीन मस्जिद निर्माण के लिए दी गई थी। हालांकि अभी तक मस्जिद निर्माण में कानूनी प्रक्रिया में पेच फंसा था, लेकिन शुक्रवार को विकास प्राधिकरण की बैठक में मस्जिद निर्माण की अनुमति कानूनी मापदंडों को पूरा करते हुए दे दी गई। अब जहां 2024 में भगवान राम लला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे, वहीं मस्जिद निर्माण कार्य भी जल्द शुरू होगा।
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सदस्य अरशद अफजाल खान बताते हैं कि मस्जिद निर्माण की स्वीकृति विकास प्राधिकरण ने दे दी है। मस्जिद के लिए गठित ट्रस्ट के सदस्य ने कहा कि लैंड के यूज को चेंज करते हुए मानचित्र को स्वीकार किया गया है। हालांकि अभी भी कुछ सरकारी खानापूर्ति बाकी हैं, लेकिन सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद नक्शा मिल जाएगा।
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सदस्य अरशद अफजल खान ने कहा कि आने वाले रमजान माह के बाद मस्जिद निर्माण के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चर ट्रस्ट की बैठक होगी। जिसमें ट्रस्ट के सदस्य मौजूद रहेंगे। बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि किस तरह से मस्जिद का निर्माण होना है। दावा किया जा रहा है कि अप्रैल-मई माह से मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है। ट्रस्ट के सदस्य ने कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा काफी मदद की गई है। अनापत्ति प्रमाणपत्र को जमा करने के लिए जिलाधिकारी अयोध्या ने काफी सहयोग किया। अयोध्या जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने बताया कि मस्जिद निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चर के द्वारा आवेदन किया गया था। एनओसी के लिए सभी विभागों से स्वीकृत मांगी गई थी, जो पूरी हो चुकी है। बोर्ड की बैठक में मस्जिद के मानचित्र को स्वीकृत किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर जमीन मुस्लिम समाज को दी गई थी। जिलाधिकारी ने कहा कि अयोध्या सांप्रदायिक सौहार्द की भूमि रही है और हमेशा रहेगी। मस्जिद निर्माण से एक सांप्रदायिक माहौल का संदेश जाएगा।
