राजस्थान की मंडियों में नए जौ की आवक शुरू हो गई है। बगरू, चाकसू, चित्तौड़गढ़ और निम्बाहेड़ा मंडियों में प्रतिदिन दो हजार बोरी नया जौ आ रहा है। हालांकि अभी नए जौ में नमी बताई जा रही हैं। चित्तौडगढ़ एवं निम्बाहेड़ा का जयपुर डिलीवरी जौ 2300 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास व्यापार कर रहा हैं। मोटा अनाज व्यापारियों का कहना है कि इस साल जौ की पैदावार पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना हुई है। जौ की बिजाई तो दोगुनी हुई थी, लेकिन प्रतिकूल मौसम के चलते उत्पादन तकरीबन डेढ़ गुना ही हुआ है। वर्तमान में बगरू और चाकसू मंडी में जौ के भाव 1900 से 2200 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
मध्य प्रदेश, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में भी इस बार जौ की फसल बेहतर बताई जा रही है। मध्य प्रदेश की छतरपुर आदि मंडियों में नए जौ की छिटपुट आवक प्रारंभ हो गई है।
इस बीच गेहूं की कीमतों में तेजी का दौर थम गया है। भारतीय खाद्य निगम का गेहूं आटा मिलों में आने से इसकी कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है। एक-डेढ़ माह में गेहूं ऊंचे भावों से करीब 10 रुपए प्रति किलो सस्ता हो गया है, लेकिन उस अनुपात में आटा, मैदा एवं सूजी के भाव नहीं घटे हैं। जानकारों का कहना है कि केन्द्र सरकार द्वारा गेहूं की बिक्री प्रक्रिया खुले बाजार में प्रारंभ करने से गेहूं की कीमतें निरंतर टूट रही हैं। दड़ा गेहूं मिल डिलीवरी 2200 रुपए प्रति क्विंटल से भी नीचे जा सकता है। यहीं कारण है कि खपत वाली मंडियों के कारोबारी आटा, मैदा एवं सूजी लेने से पीछे हट गए हैं। उनका कहना है कि ग्राहक घटे भावों पर बिक्री की मांग कर रहा है, जबकि हमारे पास ऊंचे पड़ते का गेहूं आया हुआ है।
