सचिन पायलट के बंगले के बाहर धरने पर बैठी पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं ने आज मुंह में दूब लेकर सीएम हाउस कूच करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने रोक दिया। तीन वीरांगनाओं ने मुंह में दूब लेकर गर्वनर हाउस चौराहे से सीएम हाउस की तरफ जाने का प्रयास किया था। वहां भारी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने पहले से ही बैरिकैडिंग करके रास्ता रोक रखा था। आगे नहीं बढ़ने देने पर वीरांगनाओं ने मुंह में घास दबाए ही जमीन पर लेटकर सीएम से गुहार लगाई।
वीरांगनाएं सीएम से मिलकर अपनी मांगें रखना चाहती थीं। वीरांगनाओं के साथ भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा भी कूच में शामिल थे। आगे बढ़ने से रोकने के बाद तीनों वीरांगनाएं फिर से पायलट के बंगले के बाहर आकर धरने पर बैठ गईं। पुलवामा शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू और शहीद हेमराज मीणा की पत्नी हेमलता मीणा ने कहा कि हम इतने दिन से गुहार लगा रहे हैं लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
सांसद किरोड़ीलाल ने कहा- मुख्यमंत्री ने आज फिर ट्वीट करके वीरांगनाओं के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। वीरांगनाएं आज अधीर हो गईं तो मुंह में दूब लेकर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए कूच करने लग गईं। हम नहीं चाहते कि आंदोलन हिंसक हो। तीनों वीरांगनाओं ने मुंह में दूब लेकर जमीन पर दंडवत होकर याचना की है कि मुख्यमंत्री हमारी बात सुनिए।
उन्होंने कहा, बड़े से बड़ा राक्षस भी इतनी याचना के बाद पिघल जाता है। दंडवत प्रणाम करके प्रार्थना कर दी, अब देखना है कि सीएम पिघलकर दया भाव दिखाते हैं या नहीं। मंत्रियों के आश्वासन की पूर्ति होती है या नहीं। जब तक सुनते नहीं हैं तब तक यहीं बैठे हैं। मर जांएगे मिट जांएगे ,लेकिन इस जगह से नहीं हटेंगे।
