पुलवामा शहीदों की तीन वीरांगनाओं के धरने को आज अल सुबह जबरन खत्म करने के बाद अब पुलिस ने भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को हिरासत में ले लिया है। हालांकि, पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं है। मीणा ने पुलिस पर हाथापाई का आरोप लगाया है।
बताया जा रहा है कि हिरासत के दौरान किरोड़ी लाल मीणा की तबीयत खराब हो गई। उनके शरीर पर चोट लगी है, इसलिए उन्हें उपचार के लिए गोविंदगढ़ सीएचसी ले जाया गया। वहां से जयपुर में एसएमएस अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया है।
गिरफ्तारी की खबर फैलते ही सांसद के समर्थक सड़कों पर उतरने लगे। विरोध में जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे तथा लालसोट-दौसा हाईवे पर जाम लगाया गया। जैसे ही किरोड़ी को एसएमएस अस्पताल लाया गया, सैकड़ों समर्थक भी पहुंच गए। लोग अस्पताल के अंदर जाने की मांग पर बाहर हंगामा करने लगे। भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ भी राज्यसभा सांसद से मिलने एसएमएस पहुंचे।
इससे पहले सांसद किरोड़ी लाल दोपहर 12 बजे सामोद हनुमान जी के मंदिर दर्शन करने जा रहे थे। इसके बाद वह वीरांगना मंजू जाट के परिवार से मिलने उनके घर जाने वाले थे। इसी दौरान पुलिस ने सामोद थाने के पास उनको रोक लिया। इस दौरान पुलिस और किरोड़ी लाल मीणा के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।
करीब डेढ़ घंटे तक किरोड़ी लाल मीणा को मुख्य सड़क पर पुलिस ने रोके रखा। पुलिस अधिकारियों ने किरोड़ी लाल को वापस लौट जाने के लिए समझाया। किरोड़ी लाल मीणा जब मौके से नहीं हटे तो पुलिस ने उनको जबरन मौके से हटाया। इस बीच भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह भी उनसे मिलने पहुंचे। उनके साथ पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी भी हैं।
पुलिस ने मंजू जाट को धरना स्थल से रात करीब तीन बजे उठाकर उनके गांव गोविंदपुरा बासड़ी छोड़ा था। अब उन्हें अमरसर पीएचसी में भर्ती करवाया गया है। एक अन्य वीरांगना सुंदरी को भरतपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जयपुर में धरने में शामिल 3 वीरांगनाओं में से एक भरतपुर की सुंदरी देवी गुर्जर को पुलिस ने जबरन नगर (भरतपुर) हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। नगर अस्पताल के बाहर भारी संख्या में पुलिस तैनात है।
देवर को नौकरी देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर जयपुर में धरना दे रहीं वीरांगनाओं को उनके घरों तक अलग-अलग एंबुलेंस में भेजा गया था। उनके परिजनों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। परिजनों की गिरफ्तारी के बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा शुक्रवार सुबह अपने समर्थकों के साथ सेज थाने पहुंचे थे। उन्होंने धरना देने वालों से मुलाकात की। वीरांगनाएं तीन मुख्य मांगों को लेकर पांच दिन से पायलट के घर के बाहर धरने पर बैठीं थीं।
