कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडाणी पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से कर दी। साथ ही सवाल ख़ड़ा किया कि कहीं चुनाव जीतने के लिए तो मोदी ने पुलवामा कांड नहीं करवाया? उन्होंने नरेंद्र मोदी को बेईमान तक कह डाला।
अडानी समूह और मोदी सरकार के खिलाफ सोमवार को जयपुर में सिविल लाइन फाटक पर दिए गए धरने में रंधावा ने कहा- हमारी लड़ाई अडाणी के साथ नहीं, भाजपा के साथ है। भाजपा को हराओ। अडाणी-अंबानी साथ ही खत्म हो जाएंगे। जब कांग्रेस आए तो अडाणी-अंबानी नहीं आने चाहिए, इन्हें जेल जाना चाहिए। हमारे नेता इन्हें साथ लेकर नहीं चल पड़े, यह ध्यान रखना होगा।
धरने को संबोधित करते हुए रंधावा ने पुलवामा हमले पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कहीं लोकसभा का चुनाव जीतने के लिए तो पुलवामा हमला नहीं करवाया गया था? पुलवामा हमले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, जिससे की सच्चाई सबके सामने आ सके।
रंधावा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अडानी समूह को ईस्ट इंडिया कंपनी बनाकर रख दिया है। जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी ने हिंदुस्तान को खोखला कर दिया था, वैसे ही काम अडानी कर रहा है और दोबारा हिंदुस्तान को गुलामी की तरफ धकेला जा रहा है। पाकिस्तान और चीन लगातार हिंदुस्तान को घेर रहे हैं, घुसपैठ हो रही है, लेकिन मोदी सरकार इस पर कोई एक्शन नहीं ले रही है। क्योंकि फैसले मोदी सरकार नहीं, बल्कि अडानी लेते हैं। ईस्टर्न कैनल परियोजना के मामले में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक शब्द नहीं बोल रहे हैं, क्योंकि ईस्टर्न कैनल परियोजना पर भी फैसला अडानी ग्रुप को लेना है।
रंधावा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं को आपसी लड़ाई और गुटबाजी को छोड़कर एकजुट होना चाहिए। अगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं ने गुटबाजी और आपसी लड़ाई को खत्म कर दिया तो देश से भाजपा और मोदी अपने आप खत्म हो जाएंगे। प्रदेश प्रभारी ने कांग्रेस नेताओं को मंच से ही नसीहत दी तो वहीं कार्यकर्ताओं को भी कहा कि कि वो नेताओं के लिए तालियां और जिंदाबाद के नारे लगाना बंद करें। क्योंकि तालियों और नारों से नेताओं का दिमाग खराब हो जाता है। आज नेता और कार्यकर्ताओं में करंट नहीं रहा है। करंट पैदा करने की जरूरत है। कार्यकर्ताओं के मन में जो डर बैठा हुआ है उसे बाहर निकाल देना चाहिए और पूरी एकजुटता के साथ चुनावी तैयारियों में जुटना चाहिए। विधायकों को भी चुनावी मोड में आ जाना चाहिए और चुनावी तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए।
धरना समाप्त होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए रंधावा ने पुलवामा हमले के शहीदों की विधवाओं की अभी तक मुख्यमंत्री की मुलाकात नहीं होने के सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तीन बार के सीएम हैं और अच्छी समझ रखते हैं। मेरा नेचर अलग है, उनका नेचर अलग है। मुख्यमंत्री गहलोत विरांगनाओं से क्यों नहीं मिले, इसका जवाब तो वहीं दे सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के भी धरने में शामिल नहीं होने के सवाल पर कहा कि दोनों नेता धरने में क्यों नहीं आए, इसका जवाब तो वही दे सकते हैं। मैं धरने में आया हूं, मैं भी बड़ा नेता हूं। मैं किसी की सिफारिश से प्रदेश प्रभारी नहीं बना, बल्कि पार्टी आलाकमान ने मुझे यह जिम्मेदारी है जो मैं अच्छी तरह से निभा रहा हूं।
