अमरीकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग द्वारा भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी पर लगाए गए आरोपों को लेकर देश का सियासी पारा चढा हुआ है। मामले की उच्चस्तरीय जांच और जेपीसी गठन की मांग को लेकर विपक्ष संसद से सड़क तक सरकार पर हमलावर है। संसद के बजट सत्र में इस मामले पर विपक्षी सांसदों का विरोध प्रदर्शन लगातार हो रहा है। बजट सत्र के दूसरे सेशन के आज तीसरे दिन भी सदन की कार्यवाही अडानी मामले पर जांच की मांग और राहुल गांधी के लंदन वाले बयान को लेकर ठप रही।
संसद की कार्यवाही ठप होने के बाद विपक्षी सांसदों ने संसद से ईडी दफ्तर तक मार्च निकाला। जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, दिग्विजय सिंह, अधीर रंजन चौधरी, आप सांसद संजय सिंह के साथ-साथ अन्य दलों के सांसद मौजूद थे। हालांकि पुलिस द्वारा रोके जाने के कारण मार्च विजय चौक पर आकर समाप्त हो गया। ईडी को ज्ञापन देने निकले विपक्षी सांसद केंद्रीय एजेंसी के दफ्तर तक नहीं पहुंच सके।
पुलिस द्वारा रोके जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम अडानी मामले में ज्ञापन सौंपने के लिए ईडी जा रहे थे, लेकिन सरकार ने हमको विजय चौक के पास भी नहीं जाने दिया। जो लोग अपने पैसे सरकार के विश्वास के साथ बैंक में रखते हैं, वही पैसे सरकार एक व्यक्ति को सरकारी संपत्ति खरीदने के लिए दे रही है। खरगे ने आगे कहा कि 200 सांसदों को रोकने के लिए 2000 पुलिस वाले लगा दिए।
वहीं, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार जानती है कि अगर उन्होंने हमारी जेपीसी की मांग को मान लिया तो जनता के सामने उनकी धज्जियां उड़ जाएगी। भाजपा के सभी भ्रष्टाचार आम लोगों के सामने आ जाएंगे। उधर, हैदराबाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अडानी विवाद को लेकर गांधी भवन से राजभवन तक विरोध रैली निकाली। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
