खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके 9 साथियों को पंजाब पुलिस ने शनिवार को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारियां अजनाला थाने पर हमले से जुड़े केस में की गईं।
अमृतपाल के 6 साथियों को शनिवार दोपहर जालंधर से मोगा की तरफ जाते समय पकड़ा गया। यहां पुलिस के घेरा डालते ही अमृतपाल खुद गाड़ी में बैठकर भाग निकला। पुलिस की करीब 100 गाड़ियों ने लगभग डेढ़ घंटा पीछा करने के बाद उसे जालंधर के नकोदर एरिया से दबोच लिया। वहीं, 2 लोगों को अमृतसर और एक को मोगा में उसके खेतों से गिरफ्तार किया गया।
इस बीच माहौल बिगड़ने की आशंका के चलते पंजाब में 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। राज्य में रविवार दोपहर 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं बंद रहेगी। राज्य के फाजिल्का और मुक्तसर जिले में धारा 144 लगा दी गई।
उधर अमृतपाल की गिरफ्तारी के विरोध में मोहाली में प्रदर्शन शुरू हो गया। यहां चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर लगे इंसाफ मोर्चा में मौजूद लगभग 150 निहंग नंगी तलवारें और डंडे लेकर सड़क पर उतर आए। ये लोग अमृतपाल को रिहा करने के लिए नारेबाजी करते हुए चंडीगढ़ की तरफ बढ़ने लगे और रोके जाने पर एयरपोर्ट रोड जाम कर दी। पुलिस के जवानों ने इनके चारों तरफ घेरा डाल लिया।
चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर इसी इंसाफ मोर्चे में शामिल निहंगों और पुलिस के बीच गत 8 फरवरी को हिंसक झड़प हो गई थी जिसमें कई पुलिसवाले घायल हो गए थे।
खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल की अगुवाई में उसके हजारों समर्थकों ने 23 फरवरी को अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। ये लोग अमृतपाल के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। हमले से दबाव में आई पंजाब पुलिस को लवप्रीत सिंह तूफान को रिहा करने का ऐलान करना पड़ा था।
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस ने अमृतसर जिले में रईया के पास पड़ते उसके गांव जल्लूपुर खेड़ा को भी घेर लिया। गांव में आने-जाने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है और गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है। पंजाब पुलिस के अलावा जल्लूपुर खेड़ा के चारों तरफ केन्द्रीय बल के जवान भी तैनात कर दिए गए हैं।
