कांग्रेस नेता राहुल गांधी के तेवर में सांसदी छिनने का बाद भी नरमी नहीं आई है। वह आज भी मीडिया के सामने कारोबारी गौतम अडानी औऱ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते रहे। 28 मिनट की प्रेस कॉफ्रेंस में उन्होंने 16 बार मोदी जी, 9 बार प्रधानमंत्री और 38 बार अडानी का नाम लेकर अपने सुरों की गरमाहट महसूस करायी।
बहन प्रियंका के साथ प्रेस कॉफ्रेंस में पहुंचे राहुल ने–हिन्दुस्तान का लोकतंत्र खतरे में है…कहकर अपनी बात की शुरुआत की। उन्होंने कहा, अगर प्रधानमंत्री को लगता है कि मुझे डरा कर, जेल में डालकर, मार-पीटकर, अयोग्य करके चुप करा लेंगे तो वो गलतफहमी में हैं। प्रधानमंत्री डर गए गए हैं। उन्होंने विपक्ष को सबसे बड़ा हथियार दे दिया है। भाजपा के माफी मांगने की मांग पर राहुल ने कहा, मेरा नाम सावरकर नहीं है. मैं गांधी हूं, गांधी कभी माफ़ी नहीं मांगते।
राहुल ने आगे कहा, मैंने आपसे कई बार बोला है कि लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। मेरा भाषण संसद से हटा दिया गया। मैंने नियम बताए और स्पीकर को विस्तार से चिठ्ठी भी लिखी, लेकिन मुझे बोलने नहीं दिया गया। भाजपा वालों ने मुझे भारत विरोधी बताया। मेरा सदस्य के तौर पर सफ़ाई देने का अधिकार है, मगर स्पीकर ने मुझे बोलने नहीं दिया। सभी विपक्षी दलों का धन्यवाद है कि उन्होंने मेरा साथ दिया। आगे साथ मिलकर काम करेंगे। एक संवाददाता के पूछने पर कि क्या अपने बयान पर अफसोस है, राहुल ने जवाब दिया कि अब यह लीगल मैटर है। इसपर बोलना ठीक नहीं है। मैं हिंदुस्तान के लिए लड़ूंगा। मैं लोकतंत्र के लिए लड़ूंगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल ने कहा, मैंने देश के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला। भारत जोड़ो यात्रा की मेरी कोई भी स्पीच देख लीजिए, मैंने हमेशा कहा है कि सब समाज एक हैं। नफरत, हिंसा नहीं होनी चाहिए। भाजपा ध्यान को भटकाने का काम करती है, कभी ओबीसी की बात करेगी, कभी विदेश की बात करेगी। अगर इन लोगों को लगता है कि मेरी सदस्यता रद्द करके, डराकर, धमकाकर, जेल भेजकर मेरा मुंह बंद करा सकते हैं, तो यह नहीं होने वाला। मैंने कई बार बोला है कि हिन्दुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है। इसके हमें रोज नए-नए उदाहरण मिल रहे हैं…मैंने संसद में सबूत दिए। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मैं संसद के अंदर हूं या बाहर हूं। आप कुछ भी कर लें सवाल पूछता रहूंगा। चाहे आप आजीवन जेल भेज दें या आजीवन चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दें।
