कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख के ऐलान के दौरान चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के बाद खाली हुई वायनाड सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की है। चुनाव आयोग ने कहा कि वायनाड उपचुनाव को लेकर अदालती आदेश के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। कोई जल्दबाजी नहीं है, निचली अदालत ने अपील के लिए एक महीने का समय दिया है।
देश भर की दिलचस्पी इस बात को लेकर थी कि क्या चुनाव आयोग आज केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर भी चुनावों का ऐलान करेगा? राहुल गांधी की जगह कौन इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ेगा? मगर चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि वह वायनाड में फिलहाल कोई निर्णय नहीं लेने जा रहा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद केरल की वायनाड लोकसभा सीट रिक्त है। गुजरात के सूरत की एक अदालत से मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल की जेल की सजा के बाद राहुल गांधी संसद सदस्य के रूप में भी अयोग्य घोषित हो चुके हैं।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 2015 की धारा 151ए के अनुसार संसद और राज्य विधानसभाओं में रिक्त सीटों पर उपचुनाव सीट के खाली होने के छह महीने के भीतर होना चाहिए। इसी अधिनियम के तहत राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया है। अधिनियम की धारा 8 (3) कहती है कि एक सांसद को उस समय अयोग्य ठहराया जाता है, जब उसे दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है। लोकसभा सचिवालय राहुल गांधी की अयोग्यता को अधिसूचित कर चुकी है और अब उपचुनाव की तारीखों की घोषणा करना चुनाव आयोग पर निर्भर है। लोकसभा में अभी दो सीटें जालंधर और वायनाड रिक्त हैं। चुनाव आयोग ने जालंधर में उपचुनाव की घोषणा कर दी है। वहां पर भी 10 मई को मतदान होगा। चुनाव नतीजे 13 मई को आएंगे।
राहुल गांधी 2019 में उत्तर प्रदेश में अपनी अमेठी सीट हार गए थे और अपनी दूसरी सीट वायनाड से चुने गए थे। मानहानि का मामला 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी की टिप्पणी “सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है” से संबंधित है। गुजरात के एक पूर्व मंत्री ने शिकायत दर्ज की थी कि राहुल गांधी ने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया है। राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने का कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है।
