राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा 2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में चार दोषियों को बरी करने के एक दिन बाद, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गृह विभाग पर सवाल उठाते हुए एकबार फिर सीएम अशोक गहलोत को घेरा है। उन्होंने डाक्टरों की हड़ताल पर भी टिप्पणी की। पायलट ने कहा कि सभी जानते हैं कि विस्फोट हुए और आरोपी पकड़े गए। अगर निचली अदालत द्वारा मौत की सजा पाए आरोपियों को जांच के अभाव में रिहा किया जाता है तो यह गंभीर मामला है। जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
पायलट गुरुवार को जयपुर स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गृह विभाग और विधि विभाग को यह देखना होगा कि फांसी की सजा सुनाने के बाद भी यदि हाईकोर्ट में जांच में खामियों के कारण आरोपी बरी होता है तो यह बेहद गंभीर मामला है। जांच ठीक से नहीं हुई, कमियां रहीं। जिम्मेदार लोगों की जांच होनी चाहिए। जज भी नहीं चाहते थे कि आरोपियों को छोड़ा जाए, लेकिन सबूतों के अभाव में रिहा करना पड़ा।
स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल पर पायलट ने कहा कि पिछले 12 दिनों से हड़ताल चल रही है। अस्पताल और डॉक्टर का पक्ष सुनने के बाद कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए। सबसे चिंताजनक बात यह है कि राजस्थान के हजारों लोग मेडिकल इमरजेंसी के कारण इंतजार नहीं कर सकते, ऐसी स्थिति में सुधार के लिए बातचीत जरूरी है। संवाद से सब कुछ संभव है।
