राजस्थान में निजी स्कूलों में अब 12वीं कक्षा तक के छात्रों को भी निःशुल्क शिक्षा मिलेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत अध्ययनरत छात्रों की फीस पुनर्भरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस पर 46 करोड़ रुपए का व्यय होगा।
अभी आरटीई के माध्यम से कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए ही निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान है। गहलोत द्वारा गत बजट में राज्य सरकार के खर्चे पर छात्राओं के लिए कक्षा 9 से 12वीं तक निजी विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा जारी रखने का प्रावधान किया था। इसी क्रम में अब छात्रों को भी कक्षा 1 से 12 तक आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश लेने पर निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी।
ऐसे विद्यार्थी, जिनकी अभिभावकों की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए या इससे कम होनी चाहिए। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के बालक, अनाथ बालक, निशक्त बालक, एचआईवी अथवा कैंसर से प्रभावित बालक अथवा एचआईवी या कैंसर से प्रभावित माता-पिता या संरक्षक के बालक आदि आरटीई के तहत आवेदन करने के पात्र होंगे।
