कोरोना होने से जयपुर में ‘आइसोलेशन’ में चल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विरोधियों पर आक्रामक हो रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़कर गए दो नेताओं को निशाने पर लिया है। इनमें कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता गुलाम नबी आज़ाद और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इन नेताओं पर भाजपा के इशारे पर सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ बयान जारी करने के आरोप लगाए हैं।
सीएम गहलोत ने कांग्रेस के पूर्व नेताओं पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया कि गुलाम नबी आजाद एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया, राहुल गांधी के खिलाफ ऐसी निम्नस्तरीय भाषा बोलने लगेंगे, ये किसी ने सोचा नहीं था। भाजपा के नेता थक चुके हैं, क्योंकि राहुल गांधी इतने हमलों के बावजूद जनता की आवाज उठाने से पीछे नहीं हटे हैं। गहलोत ने आगे कहा, कांग्रेस छोड़कर गए इन नेताओं को टास्क दिया गया है। ये सब जिंदगीभर जिस विचारधारा से लड़ने की कसमें खाते थे, आज भाजपा नेताओं के इशारे पर उसी फासीवादी विचारधारा के साथ खड़े हो गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सांसद राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा था कि ये पहली बार नहीं है कि किसी सांसद की सदस्यता रद्द हुई हो, तो इस बार इतना हंगामा क्यों बरपा है? व्यक्तिगत कानूनी लड़ाई को लोकतंत्र की लड़ाई के रूप में फैलाया जा रहा है, जो ठीक नहीं है। जो व्यक्ति जमानत के लिए जाता उसे विशेष सत्कार दिया जा रहा है, नेताओं की पूरी फौज साथ जाती है। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी दबाव और धमकी के लहजे में अपनी लड़ाई को लड़ रहे हैं।
वहीं पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी ने बीते बुधवार को अपनी आत्मकथा के विमोचन के मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला किया था। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी में इंदिरा और राजीव गांधी का पचासवां हिस्सा भी होता तो वो कामयाब होते। वहीं एक इंटरव्यू में कहा कि पूर्व में राहुल गांधी के एक अध्यादेश फाड़े जाने से पूर्व पीएम मनमोहन सिंह खासे नाराज थे और पद छोड़ना चाहते थे। अगर आज वो कानून रहता तो खुद राहुल गांधी की सदस्यता बची रहती।
