अब चाय की थड़ी लगाने या पानी-पूरी (पतासी) का ठेला लगाने की जरूरत नहीं है। आपकी साइकिल ही चलती-फिरती दुकान होगी। तब, निगम या पालिका कर्मियों की वसूली और पुलिस के चालान से भी बचा जा सकता है।
आगरा की रमा शंकर ने साइकिल को ही डिजाइन कर चाय व पानी-पूरी की चलती-फिरती दुकान बना दी है। उन्होंने साइकिल पर चाय बनाने का ढांचा फिट किया है, जिसमें चाय बनाने की सामग्री, स्टोव और छोटा गैस सिलेंडर रखा जा सकता है। चाय के इस सेटअप की लागत करीब 20 हजार है।
इसी प्रकार रमा शंकर ने साइकिल पर 15 हजार रुपए में पानी-पूरी का सेटअप तैयार किया है। इसमें पतासी रखने का बॉक्स तथा जलजीरा के जार आदि फिट किए गए हैं। जयपुर में हाल में सम्पन्न सेवा भारती के तीनदिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम कार्यक्रम में रमा शंकर ने डिजाइनर साइकिल का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि साइकिल पर सामान बेचना फायदेमंद है, क्योंकि यह चलता-फिरता साधन है। साइकिल एक जगह खड़ी नहीं रहती औऱ ज्यादा जगह भी नहीं घेरती है। इससे स्थानीय निकाय तथा यातायात पुलिस को भी आपत्ति नहीं होगी।

