राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी आलोचनाओं और आरोपों का एक तोड़ निकाला है—मंहगाई से जनता को राहत। उनका ध्यान न भ्रष्टाचार पर है, न ही कांग्रेस की अंदरूनी कलह पर। पूरा फोकस सिर्फ मंहगाई राहत शिविरों की सफलता पर है, जो 24 अप्रैल से प्रदेशभर में शुरू होने जा रहे हैं।
इस तरह सीएम गहलोत ने भी पीएम नरेंद्र मोदी की राह पकड़ ली। जिस प्रकार मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कारोबारी गौतम अडानी से उनके रिश्तों पर उठाए गए सवालों का जवाब न देकर इधर-उधर की बयानबाजी शुरू की है, उसी तरह गहलोत ने भी पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर कल जयपुर में दिए अनशन पर कोई टिप्पणी न कर केवल मंहगाई राहत की बात करनी शुरू की है। आज प्रेस कॉफ्रेंस में गहलोत से पायलट के अनशन, कांग्रेस में अंदरूनी कलह आदि पर बहुतेरे सवाल पूछे गए, लेकिन उन्होंने सभी सवालों का एक ही जवाब दिया— उनका पूरा फोकस मंहगाई से राहत पर है।
पायलट के अनशन के बारे में पूछने पर गहलोत ने कहा, कौन क्या कर रहा है, इससे मतलब नहीं है। उन्होंने पायलट के विरोध पर पूछे गए सवालों को यह कहते हुए टाल दिया कि उनकी सरकार का ध्यान महंगाई कम करने पर है। इससे उनका ध्यान नहीं भटकेगा। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों में अपनी सरकार की निष्क्रियता के पायलट के आरोप को भी खारिज करते हुए कहा कि राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो ने कई भ्रष्ट अधिकारियों के यहां छापे मारे हैं। आईएएस, आईपीएस अधिकारियों तक को नहीं छोड़ा गया है। ऐसा देश में किसी दूसरी जगह पर नहीं हुआ है।
भाजपा से दुश्मनी पर गहलोत ने कहा, दुश्मनी नहीं, विचारधारा का संघर्ष है। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा को लेकर कानून बनाने की मांग मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है। अपनी सरकार की उपलब्धियों को बताते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान अब काफी आगे बढ़ चुका है। उन्होंने उनके विकास अभियान में आम जनता, मीडिया और सामाजिक कार्यकर्ताओं से साथ देने की अपील की। गहलोत ने कहा कि मेरा मिशन 2030 है। अब आम जनता क्या सोचती है, इसका जवाब वह चुनाव में देगी।
राहुल गांधी की विपक्षी दलों में स्वीकार्यता को लेकर गहलोत ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद भाजपा का साजिश बेनकाब हो गई है। भाजपा अब परेशान है। क्योकि राहुल गांधी की अब अलग छवि बन चुकी है।
