मार्च में खुदरा महंगाई की दर में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले माह खुदरा महंगाई दर 5.66 फीसदी के साथ 15 महीने के निचले स्तर पर रही। मुख्य रूप से खाने का सामान सस्ता होने से महंगाई दर घटी है। यह फरवरी 2023 में 6.44 फीसदी थी। सरकार की ओर से आज 12 अप्रैल को जारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है।
इसके साथ ही महंगाई दर रिजर्व बैंक के टॉलरेंस बैंड के दायरे में भी आ गई है। यह रिजर्व बैंक की 6 फीसदी की अपर लिमिट के अंदर है। आरबीआई मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
कंज्यूमर प्राइस इंजेक्स (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी 2023 में 6.44 फीसदी और एक साल पहले मार्च में 6.95 फीसदी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुसार मार्च में खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति मार्च में 4.79 फीसदी रही। यह आंकड़ा फरवरी में 5.95 फीसदी और एक साल पहले इसी अवधि में 7.68 फीसदी था। अनाज, दूध और फलों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में 5.7 फीसदी से बढ़कर फरवरी 2023 में 6.4 फीसदी हो गई थी। हाल ही में आरबीआई ने नए वित्त वर्ष की पहली एमपीसी बैठक में रेपो रेट को स्थिर रखने का ऐलान किया था। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 में कंज्यूमर प्राइस इंजेक्स आधारित मुद्रास्फीति के 5.2 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है।
