इंसानों को 100 से 200 करोड़ होने में 125 साल लगे, जबकि 15 नवंबर 2022 को धरती पर होमो सेपियंस (इंसानी) आबादी 800 करोड़ हो गई। आबादी के 700 से 800 करोड़ होने में मात्र 12 साल लगे। अब 2037 तक आबादी के 900 करोड़ होने में 15 साल लगेंगे। संयुक्त राष्ट्र वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉसपेक्ट्स-2022 की रिपोर्ट में कहा गया था कि 2037 में आबादी 900 करोड़ हो जाएगी तथा 2058 तक 1000 करोड़ पार कर जाएगी। लेकिन अब ऐसा होता दिख नहीं रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार साल 2050 तक दुनिया के जिन आठ देशों में सबसे तेजी से आबादी बढ़ेगी, वो हैं- कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलिपींस और तंजानिया। 2050 तक जो भी जनसंख्या बढ़ेगी, उसमें आधे से ज्यादा योगदान अफ्रीका के सब-सहार देशों का रहेगा।
मगर सदी के अंत तक वैश्विक आबादी घटकर 600 से 730 करोड़ तक हो सकती है। आबादी कम होने की बड़ी वजह– आर्थिक असंतुलन और जलवायु परिवर्तन होगा।
