जिस पुलवामा अटैक ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था, उसपर 4 साल बाद भी सियासत खत्म होते नहीं दिख रही है। अब इस सियासत को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने हवा दी है। उन्होंने एक इंटरव्यू में पुलवामा हमले की एक वजह केंद्र सरकार की खामी को बताया है।
सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले वहां के आखिरी राज्यपाल थे। जिस वक्त पुलवामा हमला हुआ, उस वक्त भी वह राज्यपाल के पद पर आसीन थे। उन्होंने इंटरव्यू में उस वक्त के गृहमंत्री राजनाथ सिंह पर सवाल खड़े किए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया।
मलिक ने दावा किया कि सीआरपीएफ ने अपने जवानों को लाने-ले जाने के लिए एयरक्राफ्ट मांगा था, क्योंकि इतना बड़ा काफिला कभी सड़क से नहीं जाता। मलिक ने दावा किया कि सीआरपीएफ ने गृह मंत्रालय से पूछा था, लेकिन उन्होंने एयरक्राफ्ट देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, अगर मुझसे पूछते तो मैं उनको (सीआरपीएफ) एयरक्राफ्ट देता, कैसे भी देता। उस समय सिर्फ पांच एयरक्राफ्ट की जरूरत थी, जो उनको नहीं मिले।
सत्यपाल मलिक ने एक और बड़ा दावा किया कि पीएम मोदी ने इस हमले के बाद जिम कार्बेट पार्क से जब मुझे कॉल किया तो मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि ये हमारी गलती से हुआ है। इस पर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम चुप रहो और किसी से कुछ ना कहो। मलिक ने अपने इंटरव्यू में एनएसए अजीत डोभाल का जिक्र भी करते हुए दावा कि उन्हें समझ आ गया था कि सरकार पूरा ठींकरा पाकिस्तान पर फोड़ने वाली है, ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सके। उन्होंने कहा, अजित डोभाल ने भी मुझसे चुप रहने को कहा। मैं समझ गया था कि मामला पाकिस्तान की ओर जाना है।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने सत्यपाल मलिक के दावे पर प्रतिक्रिया जताते हुए उनके कई पुराने इंटरव्यू शेयर किए, जहां मलिक अपने बयान से पलटते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में भाजपा सत्यपाल मलिक की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रही है। वहीं, सत्यपाल मलिक के इंटरव्यू के बाद कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पुलवामा हमले को लेकर पांच सवाल किए हैं।
उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी 2019 को दोपहर करीब 3:00 बजे जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले में विस्फोटक लेकर जा रहे एक वाहन को टक्कर मार दी थी। पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर द्वारा सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाकर किए गए हमले में करीब 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत ने महज 12 दिनों में ही ‘नापाक’ पाक से बदला ले लिया। भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट एयरस्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर कर दिया था।
