राजस्थान में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से दूर हुए उनके पुराने साथी वापस लौटते नजर आ रहे हैं। पहले मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और अब पूर्वमंत्री रघु शर्मा ने पायलट के अनशन का समर्थन कर वापसी का संकेत दिया है।
रघु शर्मा ने आज मीडिया से बातचीत में कहा कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे की सरकार के भ्रष्टाचार बड़े मुद्दे थे। हमारी सरकार को उनपर कार्यवाही करने चाहिए। पायलट 11 अप्रैल को वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच अबतक नहीं कराए जाने पर ही अनशन पर बैठे थे। रघु शर्मा ने विधायकों से संवाद कार्यक्रम में जाने से पहले मीडिया से कहा, पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में बड़े घोटाले हुए थे। मैंने उस वक्त 1 साल में ही लोकसभा और विधायक का चुनाव जीता था। भ्रष्टाचार के मुद्दे बड़े थे। रघु शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रही है। 5 साल हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ खूब एक्शन लिए हैं, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार के भ्रष्टाचार पर भी कार्रवाई होनी ही चाहिए थी।
बता दें कि राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री खाचरियावास ने पायलट के अनशन का समर्थन करते हुए वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार का जांच नहीं कराए जाने पर अफसोस जताया था।
रघु शर्मा ने विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होने के सवाल पर कहा कि राजस्थान में परंपरा रही है कि जिस भी पार्टी की सरकार होती है, उस पार्टी का मुखिया ही सीएम का चेहरा होता है। इस बार भाजपा को अपने सीएम के चेहरे की घोषणा करनी चाहिए क्योंकि भाजपा में 10-10 सीएम के उम्मीदवार हैं। पायलट के संवाद कार्यक्रम से दूरी को लेकर रघु शर्मा ने कहा कि सचिन पायलट का कार्यक्रम पहले से तय था और विधायकों से वन टू वन संवाद का कार्यक्रम अचानक तय किया गया। सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, इसलिए इस बात को ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए।
