पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह गुढा ने आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ अपने गुस्से का खुलकर इजहार किया। पायलट ने कहा, जहां विरोध करता हूं, घुआं निकाल देता हूं। उनसे दो कदम आगे बढकर गुढा ने चुनौतीभरे अंदाज में कहा, अगर किसी ने मां का दूध पीया है तो पायलट साहब पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करके बताए, छठी का दूध याद आ जाएगा।
झुंझुनूं जिले के टीबा गांव में पुलवामा हमले में शहीद श्योराम गुर्जर के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में पायलट ने कहा, वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच होनी चाहिए। मुझे अनशन किए एक सप्ताह हो गया, लेकिन जांच शुरू नहीं हुई। मैं किसी के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता, लेकिन जहां विरोध करता हूं तो धुआं निकाल देता हूं। इसलिए मैं न डरूंगा न पीछे हटूंगा।
पायलट ने कहा कि हर गलती सजा मांगती है। यदि भ्रष्टाचार हुआ है तो उसकी जांच होनी चाहिए और सबूत मिले तो कार्रवाई होनी चाहिए। वसुंधरा सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन जो प्रभावी कार्रवाई होनी चाहिए वह हुई नहीं। उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से सवाल किया कि कार्रवाई हुई है क्या…आप बताओ…।
उन्होंने पिछले दिनों जयपुर में शहीदों की वीरांगनाओं के साथ हुए बर्ताव पर भी गहलोत सरकार की खिंचाई करते हुए कहा, जिस घर से सैनिक शहीद होता है, उसकी कमी को परिवार ही हमेशा झेलता है। इसलिए उनके परिवार के लिए थोड़ा बहुत नियम परिवर्तन करना पड़े, कहीं रियायत देनी पड़े या फिर कानून बदलना पड़े तो हमें संकोच नहीं करना चाहिए। पायलट ने कहा, हम बड़े-बड़े लोगों और बड़े-बड़े मुद्दों के लिए अध्यादेश ला सकते हैं, संशोधन कर सकते हैं, कानून बना सकते हैं तो जो लोग वर्दी पहनकर देश की सरहद पर खड़े होकर गोलियां खाते हैं, उनके लिए क्या थोड़ा भी लचीलापन नहीं दर्शा सकते हैं?
उधर, बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर कांग्रेस में शामिल होने वाले उदयपुरवाटी विधायक और सैनिक कल्याण राज्यमंत्री गुढ़ा ने कहा, मैं चैलेंज देता हूं कि अगर किसी ने मां का दूध पीया है तो पायलट साहब पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करके बताए, छठी का दूध याद आ जाएगा।
