मध्य प्रदेश में मैहर के प्रसिद्ध शारदा मंदिर में अब मुस्लिम समुदाय के कर्मचारी नहीं होंगे। इस धार्मिक नगरी में मांस मदिरा की दुकानें भी बंद होंगी। राज्य की भाजपा सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। सरकारी आदेश से बरसों से मांई की सेवा कर रहे मुसलमान कर्मचारियों पर संकट आ गया है।
मैहर मांई के मंदिर में पिछले 35 साल से दो मुसलमान कर्मचारी अपनी सेवा देते आ रहे हैं। ये हैं आबिद हुसैन- विधिक सलाहकार और अयूब- जलव्यवस्था प्रभारी। दोनों नियमित कर्मचारी हैं। लेकिन सरकार के इस आदेश से दोनों की नौकरी संकट में आ गयी है। मैहर शारदा प्रबंध समिति में ये दो मुस्लिम कर्मचारी 1988 से काम कर रहे हैं, लेकिन अब हिन्दू संगठनों की मांग पर धार्मिक न्यास मंत्री के हवाले से ये सरकारी आदेश जारी हुआ है।
मां शारदा प्रबंध समिति के प्रशासक धर्मेंद्र मिश्रा का कहना है पत्र मिल चुका है। समिति की बैठक में मामला रखा जाएगा और जो निर्णय उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
सतना जिले के हिदू संगठनों ने मंत्री उषा ठाकुर को ज्ञापन देकर मंदिर से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने की मांग की थी। इसी मांग पर मंत्री ने विभाग को निर्देश दिया और तीन दिन में पालन प्रतिवेदन देने की बात कही। इस फैसले को हिन्दू संगठन अपनी जीत मान रहा है। हालांकि मंदिर दर्शन में जाति का कोई बंधन नहीं है। संगीत उस्ताद अलाउद्दीन खान मैहर मां शारदा के महान उपासक थे। उन्होंने मैहर बैंड बनाया था। अब सरकारी आदेश को लेकर स्थानीय प्रशासन बात करने तैयार नहीं है।
