उच्चतम न्यायालय के सफाई कर्मचारी अब ‘जमादार’ नहीं, बल्कि ‘सुपरवाइजर’ कहे जाएंगे। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कुछ पदों के नाम बदलने का फैसला करते हुए कहा कि ये (शब्द) ‘औपनिवेशिक मानसिकता’ को प्रतिबिंबित करते हैं, जिसका आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं है।
सीजेआई ने ‘सुप्रीम कोर्ट स्पोर्ट्स, कल्चरल एंड अदर इवेंट्स- 2023’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि इन कार्यक्रमों के आयोजन का उद्देश्य कर्मचारियों के लिए जीवन की समग्र पद्धति को प्रोत्साहित करना और उनके शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देना है। उन्होंने कर्मचारियों के लिए नियोजित किए जा रहे कुछ कल्याणकारी उपायों का भी उल्लेख किया, जिनमें एक बड़ा और बेहतर सुसज्जित क्रेच, एक प्रशिक्षण केंद्र और एक स्टाफ पुस्तकालय शामिल हैं। उन्होंने कुछ निर्दिष्ट पदों के नाम बदलने के अपने हाल के प्रशासनिक निर्णयों का भी उल्लेख किया।
