युवा कांग्रेस की असम इकाई की अध्यक्ष अंगकिता दत्ता को पार्टी से निकाल दिया गया है। कांग्रेस ने उनके निष्कासन की वजह पार्टी विरोधी गतिविधियों को बताया। असम युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर अंगकिता दत्ता ने युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी पर पहले मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया। फिर एफआईआर में अश्लील टिप्पणियां करने और धमकाने के आरोप लगाए। हालांकि यूथ कांग्रेस लीगल टीम की तरफ़ से इन आरोपों को बेबुनियाद बताया गया है।
अंगकिता दत्ता को पार्टी से निकाल कर कांग्रेस पार्टी अपने युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी के साथ खड़ी नज़र आ रही है। कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने कहा है कि प्रदेश इकाई की युवा शाखा की अध्यक्ष अंगकिता दत्ता ने पहले पार्टी नेतृत्व को सूचित किये बगैर ही भारतीय युवा कांग्रेस के प्रमुख के विरूद्ध उत्पीड़न और लैंगिक आधार पर भेदभाव के आरोपों को सार्वजनिक करने को लेकर जारी किये गये कारण बताओ नोटिस का जवाब सौंप दिया है।
बोरा ने कहा कि (उनका यह) जवाब जरूरी कार्रवाई के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) को भेज दिया गया है। दत्ता ने मंगलवार को अपने विभिन्न ट्वीट में आरोप लगाया था कि श्रीनिवास उनका पिछले छह महीनों से मानसिक उत्पीड़न और लैंगिक आधार पर उनसे भेदभाव कर रहे हैं। उन्होंने श्रीनिवास पर उन्हें लगातार प्रताड़ित करने और ‘लैंगिक आधार पर भेदभाव करने का भी आरोप लगाया।
अंगकिता दत्ता ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इस मामले के बारे में बताया था, लेकिन किसी भी जांच का आदेश नहीं दिया गया। दत्ता ने बुधवार को दिसपुर थाने में शिकायत दर्ज करायी है। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि फरवरी में रायपुर में आयोजित पार्टी के पूर्ण सत्र के दौरान आरोपी ने उनके साथ बदतमीजी की और उनका राजनीतिक करियर बर्बाद करने की धमकी दी।
अंगकिता दत्ता द्वारा ट्वीट किए जाने के कुछ घंटों बाद श्रीनिवास ने उन्हें कानूनी नोटिस जारी किया और मांग की कि वह अपने बयानों को लेकर माफी मांगें, अन्यथा वह उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करेंगे। इसबीच. राष्ट्रीय महिला आयोग ने दत्ता के आरोपों का स्वत: संज्ञान लिया है और असम पुलिस को जरूरी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।
