टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाले पहलवान बजरंग पुनिया ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है। भारतीय कुश्ती महासंघ से विवाद पर पहलवानों का जंतर मंतर पर आज से शुरू विरोध प्रदर्शन में पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक बैठे। साक्षी ने मीडिया से बात करते हुए कहा- ढाई महीने बीत गए इंतजार करते-करते, रिपोर्ट जमा की गई है या नहीं, यह भी हमें नहीं पता है। हमारे सामने अब तक कोई भी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट सबके सामने आनी चाहिए। सिस्टम में बैठे लोग झूठ बता रहे हैं। लोग हमें और हमारे प्रदर्शन को झूठा बता रहे हैं। यह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस मामले में दो दिन भी नहीं लगने चाहिए थे। यौन उत्पीड़न वाली एक लड़की नाबालिग है। यह एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है। हमारी शिकायत छोटी नहीं है, हम कड़ी मेहनत करके यहां तक पहुंचे हैं। यह सच्चाई की लड़ाई है और हम जीतेंगे।
जांच रिपोर्ट में हो रही देरी के कारण पहलवानों के सब्र का बांध टूट गया। जिसके बाद उन्होंने जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया।
बता दें कि खेल मंत्रालय ने 23 जनवरी को शीर्ष मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था और उसे एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था। बाद में इसकी समय सीमा दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी गई और प्रदर्शनकारी पहलवानों के आग्रह पर बबीता फोगाट को जांच पैनल में छठे सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।
समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश की, लेकिन मंत्रालय ने अभी तक अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों ने कहा है कि पहलवान कई सुनवाई के दौरान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को साबित नहीं कर सके।
