जल्दबाजी में गलत कर्मचारी को थमाई रिश्वत

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम अजमेर नगर निगम के गांधी भवन में कार्रवाई को पहुंची, लेकिन परिवादी की जल्दबाजी से भ्रष्ट कार्मिक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। परिवादी ने रिश्वत की मांग करने वाले ड्राफ्ट्समैन के स्थान पर बाबू को रंग लगे नोट दे दिए। जिससे एसीबी की कार्रवाई फेल हो गई। फिलहाल एसीबी ने मामले को जांच में रखा है, लेकिन किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

एसीबी के डीआईजी समीर कुमार सिंह ने बताया कि परिवादी अजय रावत ने एक रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि उसकी खरीदशुदा जमीन के पट्टे में नाम परिवर्तन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की बदले ड्राफ्ट्समैन ऋषि माथुर पट्टे का अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने की एवज में 10 हजार रुपए की डिमांड कर रहा है। इसका सत्यापन करवाया तो 8 हजार रुपए में सौदा तय हुआ। वहीं 2 हजार रुपए भी सत्यापन के दौरान ऋषि माथुर ने प्राप्त कर लिए।

डीआईजी समीर कुमार सिंह ने कहा कि ऋषि माथुर के कहे अनुसार मंगलवार को एसीबी की टीम ट्रेप कार्रवाई के लिए पहुंची थी, लेकिन ऋषि माथुर के किसी कैम्प में व्यस्त होने के कारण कार्रवाई टल गई। आज बुधवार को फिर टीम कार्रवाई के लिए गांधी भवन पहुंची तो परिवादी अजय रावत ने जल्दबाजी में उक्त रंग लगे 6 हजार रूपए के नोट निगम के ही बाबू अशोक भाटी को दे दिए। इसके बाद परिवादी रावत खुद असमंजस में आ गया और उसने टीम को इशारा नहीं किया।

बाबू अशोक भाटी ने उक्त रकम गांधी भवन के बाहर दांत बनाने का काम करने वाले सरदार सुरेन्द्र सिंह को दे दी और घर जाते टाइम लेने की बात कही। एसीबी की टीम ने मौके से अशोक भाटी, प्राईवेट व्यक्ति सुरेन्द्र सिंह और डिमांड करने वाले ऋषि माथुर को हिरासत में ले लिया। फिलहाल एसीबी तीनों से पूछताछ कर रही है, लेकिन ट्रेप कार्रवाई फेल होने के चलते किसी की भी अभी गिरफ्तारी नहीं की गई है। डीआईजी समीर कुमार सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और इसमें जो लिप्त पाया जाएगा, उसकी गिरफ्तारी व उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।

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