देश का एक और चर्चित केस सबूतों के अभाव की बलि चढ गया। नतीजा-आरोपी बरी हो गया। बॉलीवुड एक्ट्रे्स जिया खान सुसाइड केस में अभिनेता सूरज पंचोली को मुंबई की सीबीआई कोर्ट ने सबूतों के अबाव में बरी कर दिया। मामले की सुनवाई के दौरान जज ए एस सैय्यद ने पहले कटघरे में खड़े सूरज पंचोली का नाम पूछा फिर कहा, सबूतों के अभाव में आपको दोषी नहीं पाया जा सकता। इसलिए आप आरोप से बरी किए जाते हैं। जिया खान की खुशकुशी मामले में साल 2019 में मुकदमा शुरू हुआ और 20 अप्रैल 2023 को सुनवाई पूरी हुई थी। तकरीबन 10 साल बाद विशेष अदालत आज अपना फैसला सुनाया।
जिया खान ने 3 जून 2013 को जुहू स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। इस घटना में सूरज पंचोली पर एक्ट्रेस को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था। इस मामले की जांच जुहू पुलिस कर रही थी और जांच के दौरान 7 जून 2013 को जिया खान के घर से पुलिस को 6 पन्नों का हाथ से लिखा हुआ सुसाइड नोट मिला था। इसके बाद मुंबई पुलिस ने 11 जून 2013 को बॉलिवुड एक्टर आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली को जिया को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि मुंबई पुलिस द्वारा जब्त किया गया पत्र जिया ने ही लिखा था। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि पत्र में सूरज के साथ जिया के अंतरंग संबंधों के साथ-साथ उनके कथित शारीरिक शोषण, मानसिक और शारीरिक यातना के बारे में बात की गई है, जिस वजह से उन्होंने खुदकुशी की।
वहीं, इस मामले में अभियोजन पक्ष की प्रमुख गवाह और जिया की मां राबिया खान ने अदालत से कहा कि उनका मानना है कि यह हत्या का मामला है, न कि आत्महत्या का। बंबई उच्च न्यायालय ने मामले की नए सिरे से जांच कराने की मांग वाली राबिया की याचिका को पिछले साल खारिज कर दिया था।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ए एस सैय्यद ने मामले में दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद पिछले हफ्ते अपना फैसला आज 28 अप्रैल के लिए सुरक्षित रख लिया था। उल्लेखनीय है कि इसी साल जयपुर बम धमाकों, यूपी के मलैना नरसंहार तथा गुजरात के नरोदा नरसंहार जैसे देश-दुनिया में सुर्खियां बने मामलों में भी सबूतों के अभाव में अदालतों ने सारे आरोपियों को बरी कर दिया। मतलब, इन कांडों में जान गंवाने वालों को किसी ने नहीं मारा।
