अप्रैल का महीना समाप्त होने में बस दो दिन शेष रह गए हैं। इसके बाद मई में नियमों में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। मई शुरूआत में जीएसटी, म्यूचुअल फंड और बैकिंग आदि में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।
अभी तक जीएसटी के इनवॉयस जनरेट करने और उसे अपलोड करने की तारीख के लिए कोई सीमा तय नहीं थी, लेकिन अब मई से कारोबारियों के लिए जीएसटी के नियमों में बदलाव होने वाला है। नए नियमों के अनुसार अब 100 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए 7 दिनों के भीतर लेनदेन की रसीद को इनवॉयस रजिस्ट्रेशन पोर्टल (आईआरपी) पर अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है।
वित्तीय लेनदेन और निवेश से जुड़े बाकी सभी प्लेटफॉर्म की तरह अब म्यूचुअल फंड में भी केवाईसी कराना जरूरी कर दिया गया है। बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड कंपनियों को कहा है कि निवेशक केवाईसी वाले ई-वॉलेट से ही म्यूचुअल फंड में निवेश करें, इस बात को सुनिश्चित करें। यह नियम एक मई से लागू हो जाएगा। अब केवाईसी वाले ई-वॉलेट के जरिए ही म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा सकेगा।
मई से पंजाब नेशनल बैंक में किसी ग्राहक के खाते में पैसे नहीं है, फिर वह एटीएम से पैसे निकालने का प्रयास करता है और ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है तो इस पर बैंक की ओर से चार्ज लगाया जाएगा। चार्ज के रूप में ग्राहक से जीएसटी के साथ 10 रुपये वसूल किए जाएंगे।
केंद्र सरकार हर महीने की शुरुआत में एलपीजी, सीएनसी-पीएनजी के दामों में बदलाव भी करती है। पिछले महीने घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला था। हालांकि सरकार ने एलपीजी के 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर के दामों में 91.50 रुपये कम कर दिए थे। मई में एलपीजी के साथ साथ सीएनजी-पीएनजी के दामों में भी बदलाव हो सकता है।
