शरद पवार के बतौर एनसीपी प्रमुख इस्तीफे को लेकर पार्टी नेता और कार्यकर्ता भावुक हो गए हैं। पवार ने आज मुंबई में अपनी आत्मकथा के विमोचन के अवसर पर पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे का ऐलान किया। उनके इस ऐलान के बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके पद छोड़ने का विरोध किया। उन्होंने मांग भी की कि शरद पवार अपना फैसला वापस ले लें।
शरद पवार के ऐलान के बाद पार्टी नेता जयंत पाटिल उनके सामने ही भावुक हो गए। वहीं वरिष्ठ नेता छगन भुजबल, जितेंद्र अवहद और दिलिप वालसे ने कहा कि वो शरद पवार के निर्णय को स्वीकार नहीं करने वाले हैं। इस घोषणा के तुरंत बाद ही पार्टी के कई कार्यकर्ता ऑडिटोरियम से बाहर आकर बैठ गए और शरद पवार के समर्थन में नारे लगाने लगे।
पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भावुक होता देख और अपने फैसले पर विचार करने के अनुरोध के बीच शरद पवार ने सबको आश्वासन दिया कि वो सार्वजनिक जीवन से रिटायर नहीं हो रहे हैं, ऐसे में आपको चाहिए कि आप मेरे फैसले को स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि चलिए हम सब साथ मिलकर काम करते हैं, लेकिन आप मेरे इस्तीफे को स्वीकार कर लें।
इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है। पवार ने कहा, मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है।
उन्होंने पार्टी की आगे की रणनीति तय करने के लिए वरिष्ठ नेताओं का पैनल बनाने की घोषणा की। पूर्व केंद्रीय मंत्री और चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे पवार की राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना का महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठजोड़ बनाने में अहम भूमिका रही है। पवार ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद एमवीए सरकार बनाने के लिए एनसीपी, कांग्रेस और वैचारिक रूप से अलग नजरिया वाली शिवसेना को एक साथ लाने में का काम किया था और भाजपा को सत्ता से बाहर रखा था।
