राजस्थान में गौ तस्करी का अड्डा बने अलवर जिले में ऊंट की तस्करी भी होती है। बड़ौदामेव थाना पुलिस ने गौ तस्करी के आरोप में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से एक ऊंट और उसके चार बच्चों को मुक्त कराया है। आरोपियों के वाहन को जब्त कर लिया गया है।
अलवर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि बड़ौदामेव थाना पुलिस और क्यूआरटी टीम ने गस्त के दौरान दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 29 अप्रैल की रात को एक टेंपो को रुकवाया। उसमें हरियाणा के फिरोजपुर झिरका निवासी दो जने सवार थे। वाहन में एक ऊंट और उसके चार बच्चे थे। पूछताछ करने पर टेंपो चालक ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
शर्मा बताया कि तस्करों के पास ऊंट ले जाने की अनुमति नहीं थी। पुलिस ने ऊंटों को मुक्त करवाकर गौशाला भिजवाया। पुलिस ने इस मामले में पशु क्रूरता अधिनियम और चोरी का मुकदमा दर्ज किया है। ये आरोपी हरियाणा के फिरोजपुर झिरका में लगने वाले हॉट में ऊंटों को बेचने के लिए ले जा रहे थे। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
अलवर पुलिस ने 8 साल बाद ऊंट तस्करी का मामला पकड़ा है। इससे पहले वर्ष 2015 में ऊंटों की तस्करी पकड़ी गई थी। वर्ष 2015 से पहले अलवर के रास्ते हरियाणा ले जाने के काफी तस्करी के मामले सामने आते थे। पुलिस की सख्ती के बाद ऊंट तस्करी पर विराम लग गया था। अब फिर तस्करी का मामला सामने आया है। तस्कर नागौर, टोंक, अजमेर सहित आसपास के जिलों से ऊंटों को भरकर लाते और हरियाणा बेचने जाते थे।
