भारत में आधे से ज्यादा इंटरनेट उपभोक्ता ऑनलाइन ही समाचार पढ़ना और देखना पसंद करते हैं। इनमें भी आधे लोग समाचार के लिए भरोसे को अहम कारक मानते हैं। यह निष्कर्श मीडिया कंपनी कांतार और गूगल द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक रिपोर्ट में निकाला गया है।
रिपोर्ट के अनुसार समाचारों को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा दिलचस्पी (63 प्रतिशत या 23.8 करोड़) रहती है, जबकि शहरी इलाकों में यह सिर्फ 37 प्रतिशत है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय भाषाओं में 52 प्रतिशत या 37.9 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता विभिन्न समाचार ऐप/ वेबसाइट, सोशल मीडिया पोस्ट, व्हाट्सएप संदेश और यूट्यूब आदि पर ऑनलाइन समाचार देखते और पढ़ते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार 48 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ऑनलाइन माध्यम पारंपरिक टीवी चैनलों की तुलना में अधिक लोकप्रिय है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत में 72.9 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता हैं। कांतार ने डिजिटल माध्यम पर आठ भारतीय भाषाओं में समाचार देखने के बारे में समझ बढ़ाने के लिए 14 राज्यों के 16 शहरों में लगभग 4,600 लोगों से बात की और 64 चर्चा सत्रों का आयोजन किया। उसने अपने परीक्षण में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के इंटरनेट उपभोक्ताओं को शामिल किया।
ऑनलाइन समाचार उपभोक्ताओं के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा खंड वीडियो रहा, जिसके बाद पढ़ने वाले और उसके बाद सुनने वाले समाचार रहे। वीडियो की मांग सबसे अधिक (81 प्रतिशत) बंगाली सामग्री के लिए, उसके बाद तमिल (81 प्रतिशत), तेलुगु (79 प्रतिशत), हिंदी (75 प्रतिशत), गुजराती (72 प्रतिशत), मलयालम (70 प्रतिशत), मराठी और कन्नड़ (66-66 प्रतिशत) हैं। पढ़े जाने वाले समाचार में सबसे ज्यादा गुजराती व कन्नड़ (20 प्रतिशत) तथा मराठी (18 प्रतिशत) हैं। सुनने वाले समाचार में सबसे ज्यादा मांग मराठी और मलयालम (16 प्रतिशत) की है।
ऑनलाइन समाचार जानने के लिए 93 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर यूट्यूब है, जिसके बाद सोशल मीडिया (88 प्रतिशत), चैट ऐप्स (82 प्रतिशत), सर्च इंजन (61 प्रतिशत), समाचार प्रकाशक ऐप्स या वेबसाइट्स (45 प्रतिशत), सुने जाने वाले समाचार (39 प्रतिशत), ओटीटी (ओवर द टॉप) या टीवी (21 प्रतिशत) आदि हैं। रिपोर्ट के अनुसार 80 प्रतिशत ऑनलाइन समाचार उपभोक्ताओं को संदिग्ध लगते हैं और उनकी प्रामाणिकता जानना मुश्किल होता है।
