मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज अमित शाह सहित तीन केंद्रीय मंत्रियों और चिर प्रतिद्वंदी सचिन पायलट पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद हमारे प्रदेश में एक और संकट आया था। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदेश सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र किया। इन लोगों ने राजस्थान के अंदर पैसे बांटे। लेकिन अब वे वापस पैसे नहीं ले रहे है। गहलोत ने कहा, मुझे चिंता है कि ये लोग पैसा वापस क्यों नहीं ले रहे है। मैंने तो अपने विधायक को यह तक कह दिया कि जितना पैसा लिया है, उसमें से कुछ खर्च भी कर दिया है तो वो खर्च किया हुआ पैसा मैं दे दूंगा या फिर पार्टी आलाकमान से दिलवा दूंगा।
गहलोत ने कहा, मैंने अपने विधायकों से कहा है कि अमित शाह से 10 करोड़ लिया है या 15 करोड़ लिया है, वो पैसा उसको वापस दो। उसका पैसा मत रखो। अगर उसका पैसा रखा तो वो हमेशा दबाव बनाए रखेगा और आप लोगों को धमकाया जाता रहेगा। जैसे गुजरात में वह धमकाता रहता है। महाराष्ट्र में तो धमका-धमकाकर शिवसेना के दो टुकड़े कर दिए। हमारे 25 विधायक को केन्द्रीय मंत्री शाह, शेखावत औऱ प्रधान ले गए। लेकिन, मैंने विधायकों को कहा है कि तुमने गलती कर दी तो कोई बात नहीं। उसे भूलो और अब पार्टी की एकजुटता के लिए काम करो।
उल्लेखनीय है कि पायलट की अगुवाई में कांग्रेस के कुछ विधायक बागी बनकर मानेसर के एक रिसॉर्ट में चले गए थे। गहलोत ने आज उसी घटना को लेकर प्रहार किया। उनके इस बयान को सचिन पर पलटवार माना जा रहा है, जिन्होंने कल बाड़मेर में कहा था कि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते रहेंगे, जिसको बुरा लगे तो लगे। वो इसकी परवाह नहीं करते हैं। सचिन कुछ समय से वसुंधरा सरकार के भ्रटाचार की जांच नहीं कराने पर गहलोत को घेरने में लगे हैं।
गहलोत आज प्रदेश के 3 जिलों के दौरे पर थे। धौलपुर पहुंचकर गहलोत ने राजाखेड़ा उपखंड क्षेत्र के मरैना में महंगाई राहत कैंप का अवलोकन किया। साथ ही विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। वहां एक समारोह को संबोधित करते हुए गहलोत ने एक बार फिर ईआरसीपी का मुद्दा भी उठाया। साथ ही प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का बखान किया।
सीएम गहलोत ने कहा, मैं बार-बार ईआरसीपी का मुद्दा उठा रहा हूं, क्योंकि ईआरसीपी 13 जिलों के लिए लाइफलाइन है। अगर सभी लोग प्रदेश सरकार का साथ देंगे और सभी 13 जिलों के लोग एक साथ मार्च करें और रैली निकालें। ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव पड़े और ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जांए। मेरा मानना है कि लोकतंत्र में जनता के दबाव के आगे सभी को झुकना पड़ता है। चाहे वो मुख्यमंत्री हों या प्रधानमंत्री।
समारोह में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, जल संसाधन मंत्री महेंद्र सिंह मालवीया, मंत्री महेश जोशी, गोपालन मंत्री प्रमोद भाया, मंत्री भजनलाल जाटव, विधायक रोहित बोहरा, बहिन शोभारानी कुशवाह सहित अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
