मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ‘विस्फोट’ के जवाब में आज पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने ‘बम’ फोड़ दिया। पायलट ने जयपुर में की प्रेस कांफ्रेंस में गहलोत पर तीखा हमला किया। साथ ही अजमेर से पदयात्रा का ऐलान भी किया।
पायलट ने कहा, मेरे ऊपर देशद्रोह के मामले लगाए। हम दिल्ली गए। आलाकमान ने कमेटी बनाई। हम सबने राज्यसभा उपचुनाव में पार्टी को जिताया। हमने कभी कोई अनुशासनहीनता नहीं की, फिर भी मुझे कोरोना, निक्कमा और गद्दार कहा गया। हम पार्टी को नुकसान नही पहुंचाना चाहते थे। कांग्रेस के विधायकों का अपमान हुआ औऱ सीएम भाजपा नेताओं का गुणगान कर रहे हैं। इससे लगता है कि गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं, बल्कि भाजपा नेता वसुंधरा रजे हैं।
इस मौके पर पायलट ने 11 मई से अजमेर स्थित राजस्थान लोक सेवा आयोग कार्यालय से जयपुर तक जन संघर्ष पदयात्रा निकालने का ऐलान किया। यह पदयात्रा पांच दिन की होगी। पायलट ने कहा कि मैं नाउम्मीद हूं कि भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर कार्रवाई होगी। पायलट यही नहीं थमे, उन्होंने कहा कि हेमाराम चौधरी और बृजेन्द्र ओला जैसे नेताओं पर आरोप लगा रहे हैं। सीएम के आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं। मैं इन आरोपों की निंदा करता हूं। पायलट बोले, यदि हम बिक गए थे तो आपने तीन साल में कार्रवाई क्यों नहीं की। सोनिया गांधी ने 25 सितंबर को माकन और खड़गे को जयपुर भेजा था। यहां बैठक नहीं होना गद्दारी थी। विधायकों से इस्तीफा दिलवाना गद्दारी थी।
उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत ने रविवार को धौलपुर के राजखेड़ा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश मेघवाल को लेकर बयान दिया था। गहलोत ने तीन साल पहले उनकी सरकार पर आए सियासी संकट को लेकर कहा कि राजे और मेघवाल ने उनकी सरकार बचाई थी। दोनों नेताओं को भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के षडयंत्र की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी का साथ नहीं देकर राजस्थान की पंरपरा को निभाया, यह अच्छी बात है।
पायलट ने कहा, मुख्यमंत्री गहलोत का जो भाषण धौलपुर में हुआ, उसे सुनने के बाद ऐसा लगता है कि उऩकी नेता सोनिया गांधी नहीं, बल्कि उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया हैं। एक तरफ कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी, वहीं दूसरी तरफ कहा जाता है कि सरकार को बचाने का काम वसुंधरा राजे कर रही थीं। यह जो विरोधाभास है, इसको समझाना चाहिए। आप कहना क्या चाह रहे हैं स्पष्ट करना चाहिए।
उन्होंने कहा, वसुंधरा राजे सरकार के दौरान भ्रष्टाचार को लेकर पिछले डेढ़ साल से चिट्ठियां लिख रहा हूं। जो आरोप मैंने और मुख्यमंत्री गहलोत ने लगाए थे, उनकी जांच आखिर क्यों नहीं हो पा रही है और आगे क्यों नहीं होगी, अब सभी स्पष्ट हो रहा है और समझ में आ रहा है। पायलट ने स्पष्ट किया कि अजमेर से जयपुर तक की ‘जन संघर्ष पदयात्रा’ किसी पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान है। हम जनता के बीच जाएंगे।
