तीन लोगों की जान लेने के बाद सवाई माधोपुर के रणथम्भौर से उदयपुर के बायोलॉजिकल पार्क शिफ्ट किए गए खूंखार बाघ टी-104 की आज सुबह मौत हो गई। मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि मंगलवार शाम को बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किए जाने के बाद बाघ टी-104 की बुधवार सुबह देखा गया तो उसकी तबीयत खराब थी। कुछ देर बाद ही वह मृत पाया गया। अपुष्ट जानकारी के अनुसार उसे ट्रेंकुलाइज करते समय हाई डोज के इंजेक्शन दिए जाने उसकी मौत हुई है।
करीब साढ़े 6 साल उम्र के इस टाइगर को इंसानों के लिए खतरा बनने के बाद रणथम्भौर के जंगल से बाहर कर उदयपुर शिफ्ट किया गया था। इसके लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, दिल्ली से ऑफ डिस्प्ले एंड ब्रीडिंग की अनुमति मिलने के बाद टी-104 को उदयपुर लाया गया था। डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि बाघ टी-104 की जैविक उद्यान सज्जनगढ़ में ब्रीडिंग से उसकी जेनेटिक पुल डायवर्सिटी बढ़ने की संभावना थी।
सज्जनगढ़ बायलॉजिकल पार्क में अभी बाघिन विद्या है। टाइगर टी-104 की इसके साथ मेटिंग कराई जानी थी। इससे पार्क में टाइगर का कुनबा बढ़ता, जिस एनक्लोजर ने टाइगर-104 को छोड़ा था, इसी एनक्लोजर में करीब 7 साल 2015 से 2022 तक उस्तान टी-24 था, जिसकी दिसम्बर 2022 में बीमारी के कारण मौत हुई। टी-24 को भी इंसानों के लिए खतरा घोषित किया गया था, उसने 4 लोगों को मौत के घाट उतार था।
टी-104 को ब्लू आई के नाम से जाना जाता था और वह बहुत खूबसूरत माना जाता था। उसने रणथंभौर क्षेत्र में 3 लोगों पर हमला कर मार दिया था। इसके बाद से वह रणथम्भौर की तालडा रेंज के भिड़ नाका स्थित एनक्लोजर रह रहा था। मंगलवार सुबह एनक्लोजर में टीम पहुंची और टी-104 को बेहोश किया गया था। इसके बाद चिकित्सकों ने बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया। फिर सुबह करीब आठ बजे बाघ को सड़क मार्ग से उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क के लिए रवाना किया गया। वह रात को यहां पहुंचा और बुधवार सुबह उसकी मौत हो गई।
