एनसीबी विजिलेंस की टीम ने कई बयान, सीसीटीवी फुटेज, चैट्स और दूसरे सबूतों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है। इसमें ये बड़ा खुलासा किया गया है कि आर्यन खान को ड्रग्स मामले में कैसे फंसाया गया। “पापा में एनबीसी कस्टडी में हूं, प्लीज हेल्प मी”– ये ऑडियो रिकॉर्डिंग और आर्यन खान के साथ सेल्फी शाहरुख खान को भेजी गई थी।
सेनवल डिसूजा को एलएसडी ड्रग्स के दो मामले में एनसीबी की उसी टीम ने दबोचा था, जिसको समीर वानखेड़े लीड कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार उस दौरान समीर वानखेड़े और एनसीबी अफसरों ने उससे 10 लाख रुपये की रिश्वत ली। ये पैसा आरोपों के मुताबिक वीवी सिंह और खुद समीर वानखेड़े ने लिया। उसके बाद डिसूजा वानखेड़े के करीब आ गया और एनसीबी का इन्फॉर्मर बन गया। फिर वो समीर वानखेड़े के लिए कलेक्शन एजेंट के तौर पर काम करने लगा। यही नहीं फर्जी ड्रग्स प्लांट में भी एनसीबी की ये टीम डिसूजा का इस्तेमाल करने लगी।
गुजरात के पाटिल नाम के एक शख्स ने समीर वानखेड़े को बताया था कि क्रूज पर कुछ बड़ी पार्टी आएंगी, जिनको टारगेट किया जा सकता है। एक दूसरे शख्स ने बताया कि क्रूज पर ड्रग्स पार्टी में कई बड़े लोग शामिल हो रहे हैं। तब तक आर्यन खान पिक्चर में नही था, न उसके आने की जानकारी एनसीबी को थी। डिसूजा और पाटिल एक दूसरे को जानते थे, जब एनसीबी ने प्लान किया कि क्रूज पर ड्रग्स रेड करनी है तो डिसूजा ने वानखेड़े औऱ वीवी सिंह से दो प्राइवेट लोग भानुशाली और किरण गोसावी की मुलाकात करवाई।
एनसीबी ने भानुशाली और किरण गोसावी को टास्क दिया कि वह क्रूज पर बड़ा कैच पकड़े। एनसीबी ने अपने टारगेट संदिग्धों में 27 लोगों की लिस्ट तैयार की, लेकिन जैसे ही समीर वानखेड़े को एक फोन कॉल आया और जानकारी मिली की क्रूज पर आर्यन खान अपने दोस्तों के साथ आ रहा है, तब लिस्ट में केवल 10 नाम शामिल किए गए। जैसे ही आर्यन क्रूज पर आया उसे पकड़ लिया गया। उसका फोन एनसीबी ने अपने कब्जे में ले लिया, ताकि वो अपने घर फोन न कर पाए।
गौरतलब है कि आर्यन खान के साथ उसके चार अन्य दोस्त भी क्रूज पर थे, लेकिन केवल अरबाज के पास से चरस बरामद हुई। उसे पकड़ लिया गया। लेकिन उसके खिलाफ कोई कागजी कार्रवाई नहीं हुई। ड्रग्स को लेकर चैट्स आर्यन के बाकी तीन दोस्तों के मोबाइल से मिली, लेकिन उन्हें छोड़कर टारगेट आर्यन खान को किया गया। हालांकि अरबाज़ ने अपने पहले बयान में साफ कहा भी था कि आर्यन के पास ड्रग्स नहीं था, न उसने ड्रग्स ली थी और हमें भी मना किया था। फिर आर्यन खान के परिवार से वसूली का काम शुरू हुआ। आर्यन खान के सामने यह दिखाया गया कि किरण गोसावी एनसीबी का अधिकारी है। ये दिखावा करने के लिए किरण गोसावी आर्यन को पहले घसीटते हुए एनसीबी दफ्तर ले गया, जहां मीडिया में भी वो पिक्चर कैद हुई। फिर उसके साथ एक सेल्फी ली गई। यही नहीं, आर्यन का एक ऑडियो भी रिकॉर्ड किया गया।
उसके बाद समीर वानखेड़े और दूसरे लोगों ने प्लान किया कि आर्यन की सेल्फी और ऑडियो कैसे पूजा डडलानी यानी शाहरुख खान की मैनेजर तक पहुंचाई जाए, ताकि डील शुरू की जाए। इसके लिए समीर वानखेड़े ने एक प्रभावशाली आदमी के जरिए पूजा डडलानी का नंबर लिया और उसे आर्यन की सेल्फी व उसका ऑडियो मैसेज भेजकर कहा गया कि आर्यन खान ने क्रूज पर ड्रग्स का सेवन किया हुआ है। उसके फोन से ड्रग्स चैट्स मिले हैं। हम आर्यन खान का कुछ ही देर में मेडिकल करवाने जाने वाले हैं, उसके पहले डील तय करो। वर्ना हम उसके पास ड्रग्स प्लांट भी कर देंगे। इससे डर कर पूजा डडलानी राजी हो गई है।
इस डील के जरिए 25 करोड़ आर्यन को छोड़ने के नाम पर देने की बात होती है, जो बाद में 18 करोड़ हो जाती है। उसी रात पूजा डडलानी और किरण गोसावी की मीटिंग होती है। तब 50 लाख कैश किरण गोसावी ले लेता है। लेकिन अगली सुबह तक किरण गोसावी एनसीबी का अधिकारी नहीं है, यह पता चल जाता है। तब पूजा डडलानी को 38 लाख वापस कर दिए जाते हैं और 12 लाख यह कहते हुए पूजा डडलानी को वापस नहीं किए जाते कि वो पैसा समीर वानखेड़े के पास पहुंच गया है, अब वापस नहीं हो सकता। तबतक आर्यन गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया जाता है।
आर्यन की गिरफ्तारी के पहले केवल वसूली करने के चलते ही न उसका फोन एनसीबी ने सीज किया, न ही उसका मेडिकल करवाया गया। क्योंकि समीर वानखेड़े को ये पता था कि आर्यन खान के परिवार से अगर 25 करोड़ मिल गए तो आर्यन को छोड़ देंगे। आर्यन खान परिवार से वसूली के वक्त गोसावी फेस टाइम चैट्स के जरिये पूजा डडलानी से बात कर रहे थे। उधर एक अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए गोसावी डील से जुड़े अपडेट्स समीर वानखेड़े को भी दे रहा था। जिस वक्त आर्यन खान के साथ किरण गोसावी एनसीबी दफ्तर में नजर आ रहा है, उस वक्त के एनसीबी दफ्तर के तमाम सीसीटीवी काम कर रहे थे, लेकिन जैसे ही इस मामले में विजिलेंस जांच शुरू हुई और विजिलेंस टीम एनसीबी मुंबई दफ्तर पहुंची, वो तमाम सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ कर डीवीआर अलग कर दी गई।
इतना ही नहीं, विजिलेंस जांच में आरोपों के घेरे में आए सभी आरोपियों ने एनसीबी को अपने जो फोन जांच के लिए दिए, उन्हें पूरी तरह खाली कर दिया गया था। ताकि सबूत विजिलेंस टीम के हाथ न लगे, लेकिन फॉरेंसिक तरीक़े से सारे सबूत एनसीबी ने वापस इकट्ठा कर लिए। विजिलेंस टीम ने अपनी जांच में करीब 2 दर्जन से ज्यादा घटना डील से जुड़े सीसीटीवी फुटेज हासिल किए। इसके अलावा जो चैट्स आरोपियों ने डिलीट कर दी थी उसे हासिल किया। कई इलेक्ट्रॉनिक गजेट्स भी बरामद किए गए।
