जोधपुर की तरह अब जैसलमेर में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों के घर गिराए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आईएएस टॉपर रहीं जिला कलेक्टर टीना डाबी ने इस बस्ती पर बुलडोजर चलाने के आदेश दे दिए थे। इस आदेश को लेकर यूआईटी के सहायक अभियंता के नेतृत्व में टीम बस्ती में बुलडोजर लेकर पहुंच गई। अधिकारियों ने घरों को खाली करने के लिए कहा तो लोग रोने-बिलखने लगे। मगर टीम ने कलेक्टर का आदेश बताकर घरों को जमींदोज करना शुरू कर दिया।
एक सरपंच के कहने पर हुई तोड़फोड़ की इस कार्रवाई पर हंगामा मच गया। टीना डाबी सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गई हैं। लोग उनपर जमकर नाराजगी जता रहे हैं।
जैसलमेर जिले के अमर सागर इलाके में पाकिस्तान से विस्थापित हिंदुओं की बस्ती बसी हुई थी, लंबे समय से ये लोग यहां रहे हैं। लेकिन प्रशासन ने इस बस्ती को अवैध बताते हुए इसे जमींदोज करने का नोटिस जारी कर दिया। नोटिस पाकर बस्ती के लोग काफी परेशान हुए। उनको लगा कि जिस जगह पर वे बरसों से रह हैं, वहां से उन्हें हटाने के लिए क्यों कहा जा रहा है। इसलिए किसी ने भी जगह खाली नहीं की।
अब एक ही महीने में हिंदू विस्थापितों को बेदखल करने की दूसरी घटना को भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा ने इसे सरकार का क्रूर रवैया करार दिया है। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि ये जो सरकार ने किया है वो सरकार का सबसे क्रूर रवैया है। यह सरकार की अमानवीयता को दर्शाता है। जोधपुर के बाद अब जैसलमेर में पाकिस्तान से आये हिंदू शरणार्थियों के आशियानों को बुलडोजर से रौंद कर भयंकर गर्मी में बेघर हुए परिवारों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार और दयनीय स्थिति की जिम्मेदार गहलोत सरकार है।
