सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिंडनबर्ग मामले में नियुक्त की गई एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है, जिसे संबंधित पार्टियों को सौंपने का आदेश कोर्ट ने दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। यह एक्सपर्ट कमेटी आगे भी सुप्रीम कोर्ट की मदद करती रहेगी। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को 14 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि अदालत सितंबर तक समय दे सकती है, पर 14 अगस्त को हमें बताएं, आप किस चरण में हैं, हमें एक अपडेट रिपोर्ट दें।
सेबी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने यह निर्देश दिया। मेहता ने तर्क दिया कि सेबी को अपनी रिपोर्ट पूरी करने के लिए छह महीने का विस्तार पहले ही सीमित कर दिया गया है। बेंच में शामिल जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जे.बी. पारदीवाला ने मेहता से कहा, हमें बताएं कि आपने क्या किया है। कोर्ट ने शुरू में दो महीने का समय दिया था और अब इसे अगस्त तक बढ़ा दिया है। जबकि कोर्ट साफ-साफ कह चुका है कि वह जांच पूरी करने के लिए अनिश्चितकालीन विस्तार नहीं दे सकती। अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील पेश करते हुए कहाकि हाल के वर्षों में और कई शिकायतों के बावजूद सेबी ने कुछ नहीं किया। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2016 से अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों की जांच तथ्यात्मक रूप से निराधार है।
इसपर सेबी की ओर से मेहता ने कहा, न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) मानदंडों की जांच के संदर्भ में सेबी पहले ही अंतरराष्ट्रीय प्रतिभूति आयोगों के संगठन (आईओएससीओ) के साथ बहुपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमएमओयू) के तहत 11 विदेशी नियामकों से संपर्क कर चुका है। सूचना के लिए नियामकों से अनुरोध किए गए थे। विदेशी नियामकों के लिए पहला अनुरोध 6 अक्टूबर, 2020 को किया गया था।
