सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए गए “शिवलिंग” की कार्बन डेटिंग सहित “वैज्ञानिक सर्वेक्षण” पर शुक्रवार को रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा कार्बन डेटिंग के निर्देश वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी।
सीजेआई ने कहा कि पहले हम परिस्थिति को देखेंगे। हमें इस मामले को बेहद सावधानी से देखना होगा। सुनवाई के दौरान मस्जिद पक्ष ने कहा कि हमें हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने का पूरा मौका नहीं मिला। वहीं मंदिर पक्ष ने दाखिल की एक नई याचिका में मस्जिद के बेरीकेटिंग वाले इलाके के एएसआई सर्वे की मांग की है। पिछले साल इसी इलाके में स्थित वजूखाने में कथित शिवलिंग मिला था। मंदिर पक्ष ने 16 मई को पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई से सर्वे कराने की याचिका दी थी।
ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, कार्बन डेटिंग सोमवार से शुरू होनी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मई को आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए वाराणसी में मस्जिद में शिवलिंग होने का दावा करने वाले ढांचे की आयु का निर्धारण करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने वाराणसी जिला न्यायालय के 14 अक्टूबर के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें मई 2022 में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के न्यायालय द्वारा अनिवार्य सर्वेक्षण के दौरान मिली संरचना की कार्बन डेटिंग सहित वैज्ञानिक जांच की याचिका खारिज कर दी गई थी।
