पांड्या बंधु—हार्दिक और क्रुणाल, भारतीय क्रिकेट जगत के उभरते सितारे जरूर हैं, लेकिन दोनों के बर्ताव में घमंड साफ नजर आता है। इसमें कोई शक नहीं कि दोनों भाईयों ने अपने खेल से क्रिकेट में अलग पहचान बनाई है। यही सफलता अब उनके दिमाग पर हावी होती दिखने लगी है।
हार्दिक हों या क्रुणाल, मैदान पर उतरते ही उनकी बॉडी लैंग्वेज और बोली बिलकुल बदल जाती है। बात-बात पर साथी खिलाड़ियों पर उनका झुंझलाना, चिल्लाना शुरू हो जाता है। दोनों भाई तनाव से भरे दिखाई देने लगते हैं। हार्दिक, हालांकि, सामान्य औऱ हंसमुख दिखने की भरसक कोशिश करते हैं, लेकिन उनके बोलों और बर्ताव में दंभ, गुस्से का भाव साफ महसूस किया जा सकता है।
आईपीएल के मौजूदा सीजन में पांड्या बंधुओं की ये कमजोरी बार-बार उभरकर सामने आई है। हाल के क्वालीफायर-1 मुकाबले में हार्दिक की गुजरात टाइटंस (जीटी) पर चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की पहली जीत हो या फिर एलिमिनेटर मुकबले में क्रुणाल की कप्तानी वाली लखनऊ सुपर जायंट्स पर मुंबई इंडियंस (एमआई) की 81 रनों की दमदार जीत हो। दोनों ही मौकों पर पांड्या बंधुओं की झुंझलाहट भरी निराशा नहीं छिप पाई।
2 साल में एमएस धोनी की चेन्नई कभी भी गुजरात को नहीं हरा पाई थी। इससे पहले के तीनों मैचों में गुजरात को जीत मिली थी। मगर जब क्वालीफायर मुकाबले में धोनी की टीम ने गुजरात को 15 रनों से पटखनी दी तो हार्दिक पांड्या में अवार्ड सेरेमनी के दौरान इंटरव्यू देते समय अजीब सी बेचैनी देखी गई। वहीं, हर्षा भोगले से बात करते हुए धोनी के चेहरे पर मुस्कान और चित्त शांत बना रहा।
इसी प्रकार लखनऊ से इस आईपीएल सीजन में तीन बार पटखनी खाने वाली मुंबई टीम ने बुधवार को एनिमिनेटर मुकाबले में जब लखनऊ को 81 रनों की शर्मनाक हार टिकाई तो क्रुणाल इसे नहीं पचा पाए। मैच के दौरान और उसके बाद, क्रुणाल की बॉडी लैंग्वेज उनकी हताशा लगातार बयां करती रही। ऐसे में कहा जा सकता है कि चैन्नई के कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी और मुंबई टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने अपने-अपने मुकबले जीत कर पांड्या बंधुओं का एक प्रकार से घमंड तोड़ा है।
