संसद की नई इमारत में अपनी शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध राजस्थान की छाप दिखाई देगी। इमारत में राजस्थान के विभिन्न जिलों के खास पहचान रखने वाले पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। जानकारी के अनुसार नए संसद भवन में राजस्थान के विभिन्न जिलों रंग-बिरंगे पत्थर, इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाएंगे.
संसद भवन में जैसलमेर के लाखा का लाल पत्थर, मकराना और उदयपुर के ग्रीन मार्बल के साथ केसरिया पत्थर लगाया गया है। भवन की नक्काशीदार जालियों और खिड़कियां भी राजस्थानी पत्थरों की हैं। धौलपुर के लाल और गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल आरसीसी कॉलम के साथ ही दीवारों पर किया गया है।
नए संसद भवन का निर्माण शुरू होते ही राजस्थान के विभिन्न जिलों से खास पहचान रखने वाले पत्थरों को मंगवाया गया। जानकारी के अनुसार पाली के रहने वाले सीपीडब्लयूडी के स्पेशल डायरेक्टर जनरल (सिविल) पुष्पेंद्रसिंह चौहान की देखरेख में नए संसद भवन का काम हुआ है।
