राजस्थान में गुरुवार रात आए तेज अंधड़ ने जमकर कहर बरपाया। तूफानी बारिश के चलते प्रदेशभर में 14 लोगों की मौत हो गई। एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। तूफानी बारिश से राजधानी जयपुर, दौसा, टोंक, भरतपुर, अलवर, बाड़मेर, बारां, सवाई माधोपुर, सीकर, अजमेर, करौली, धौलपुर सहित कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। जगह-जगह लगे टिन शेड, होर्डिंग्स और बैनर उड़ गए। हजारों पेड़ और बिजली के पोल उखड़ गए।
कल 25 मई से शुरू हुआ नौतपा इस बार भारी तबाही लेकर आया है। अंधड और बारिश से दर्जनों मवेशियों की मौत की भी खबर है। सैंकडों कच्चे मकानों को भी नुकसान हुआ है। बिजली रात ग्यारह बजे बंद हुई तो कई इलाकों में आज सुबह तक गायब रही। सवेरे जब लोग जागे तो तबाही का मंजर देखकर दंग रह गए।
टोंक जिले में बारिश से सबसे ज्यादा तबाही की खबर है। वहां देर रात कुछ ही घंटों में 11 लोगों की मौत हो गई, इनमें बच्चे भी शामिल है। टोंक शहर के धन्ना तलाई में दादा, पोता और पोती की जान चली गई। वे घर में ही टीन के नीचे बैठे थे। टीन अधंड में उड़ी और कटार की तरह तीनों पर जा गिरी, तीनों की जान चली गई। जिले के निवाई इलाके में भी तीन व्यक्तियों की मौत हो गई। तीनों पर अलग अलग जगह पर दीवार गिरी। टोंक के ही देवली इलाके में टोकरवास और आंवा गांव में दो की मौत हो गई। इसके अलावा मालपुरा, पचेवर और टोडारायसिंह इलाके में भी चार मौतें हो गई हैं। टोंक जिले की कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने सभी एसडीएम, एडीएम और प्रशासनिक अफसरों को नुकसान का ब्यौरा बनाने के निर्देश दिए हैं। अजमेर जिले में भी देर रात बिजली गिरने से दो किसानों की मौत हो गई है। वहीं गंगानगर जिले में बिजली गिरने से एक युवती की मौत हुई है।
लगभग आधे राजस्थान में अंधड़ और बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है। कल देर शाम बारिश के साथ ही 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं और भारी तबाही मचा दी। जानकारी के अनुसार अलवर, बारां, भरतपुर, बूंदी, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झुंझुनू, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, बीकानेर, चूरू, नागौर, श्रीगंगानगर जिले में दो सौ से भी ज्यादा मवेशी जान गवां बैठे। इनमें बड़ी संख्या में बकरियां हैं। इनके अलावा भैसें एवं गायें भी शामिल हैं। करीब पांच सौ से भी ज्यादा पेड़ और बिजली के पोल बारिश और अंधड के चलते टूट गए हैं। बिजली पोल को दुरुस्त करने का काम बड़े पैमाने पर शुरू कर दिया गया है।
