
देश में कोरोना के रोज मिलने वाले मरीजों का आंकड़ा अब डराने लगा है। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह नया वैरिएंट ओमिक्रॉन है।ओमिक्रॉन को लेकर माना जा रहा है कि इसके लक्षण बहुत हल्के हैं और संक्रमितों को अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। सरकारें भी इस बात दावा कर रही हैं कि नए मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उस तेजी से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या नहीं बढ़ रही है। हालांकि, आंकड़े कुछ और ही बयां करते हैं।
आंकड़े बताते हैं कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली, मुंबई ही नहीं, कई राज्यों में अबअस्पतालो में भीड़ बढ़ने लगी है।दिल्ली के अस्पतालों में 2,264 कोरोना मरीज भर्ती हैं. एक दिन पहले 2,161 मरीज भर्ती थे। इससे एक हफ्ते पहले यानी 5 जनवरी को 708 कोरोना मरीज भर्ती थे। मुंबई में भी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।वहां के अस्पतालों में 5 जनवरी तक 5,104 मरीज भर्ती थे। 12 जनवरी तक अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़कर 6,946 हो गई। हालांकि, अब अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या कम हो रही है।
दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद पश्चिम बंगाल तीसरा राज्य है, जहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोविड बुलेटिन के अनुसारपश्चिम बंगाल में 12 जनवरी. तक 3,527 कोरोना मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि, 5 जनवरी को 2,228 मरीज अस्पताल में थे। एक ही हफ्ते में अस्पताल में भर्ती मरीजों की 58 फीसदी बढ़ गई। पश्चिम बंगाल के बाद तमिलनाडु सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां 12 जनवरी तक 7,356 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 5 जनवरी तक 4,315 कोरोना मरीज भर्ती थे।