
कोरोना ने पिछले तीन साल से दुनियाभर में कोहराम मचाया हुआ है। एक डॉक्टर ने इसे पूरी तरह से ठीक करने का दावा किया है।उन्होंने खुद के खोजे गए तरीके से हजारों लोगों को कोरोना से ठीक भी किया है। डॉक्टर द्वारा खोजे गए इस तरीके को इंटरनेशनल जर्नल मेंजगह मिली है।
महाराष्ट्र में महाड़ के डॉ. हिम्मतराव भवासकरने पहले से मौजूद सिंथेटिक मेथिलीन ब्लूको सूंघाकर कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित हजारों मरीजों को ठीक किया है। जो मरीज एंटीवायरल दवाइयों से ठीक नहीं हुए थे, वे भी डॉ. भवासकर के इलाज से ठीक हो गए।
डॉ. भवासकर ख्यातिप्राप्त डॉक्टर हैं। बिच्छू और सांप काटने के इलाज में उनको वैश्विक पहचान मिली हुई है।मीडिया खबर के अनुसार डॉ. भवासकर नेकोरोना की पहली लहर के दौरान 2020 में ही एक्यूट रिस्पाइरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों को मेथिलीन ब्लू सूंघाकर ठीक किया। ये लोग पहले कोरोना की एंटी वायरल दवा-रेमडेसिविर, फेविपिराविर आदि ले चुके थे, लेकिन ठीक नहीं हुए।
डॉ. भवासकर ने बताया, 2021 में भी दूसरी लहर के दौरान मैंने 200 से ज्यादा कोरोना के मरीजों को इससे ठीक किया है। इनमें कुछ कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित थे।उनके इलाज की पद्धति जर्नल ऑफ फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयरमें प्रकाशित हुई है। रिसर्च पेपर में दावा किया गया है, जिन मरीजों को मेथिलीन ब्लू सूंघाया गया, उनमें से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई।
मेथिलीन ब्लू एक प्रकार का क्लोराइड साल्ट होता है। आमतौर पर इसका डाई में इस्तेमाल किया जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमलेरियल,एंटीडिप्रेसेंट और कार्डियोप्रोडक्टिव होता है। मलेरिया की दवा हाइड्रो-क्लोरोक्विन और एंटीपारासाइटिक आइवरमेक्टिन में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसकी कीमत भी बहुत कम होती है।10 रुपये में 5 एमएल मेथिलीन ब्लू मिल जाता है। भारत में सदियों से मिथेलिन ब्लू का इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में लेने से यह जहर की तरह काम करने लगता है। कोरोना का गंभीर असर शुरू होने पर शरीर की कोशिका में साइटोकिने का अटैक होने लगता है। शरीर में मौजूद इम्यून सिस्टम अपने ही शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है। डॉ. भवासकर कहते हैं, साइटोकाइने में ब्रेडिकिनीन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। मिथेलिन ब्लू ब्रेडिकिनीन को न्यूट्रलाइज कर देता है।