
अक्टूबर-दिसंबर 2021 में जीडीपीग्रोथ 5.4 फीसदीरही, जो पिछले क्वार्टर के मुकाबले 3 फीसदीकम है। इससे पहले जुलाई-सितंबर 2021 में इकोनॉमी 8.4 फीसदीकी रफ्तार से बढ़ी थी। एनएसओकी ओर से जीडीपीग्रोथ का ताजा आंकड़ा जारी किया गया है। अब चौथी तिमाही में भी इकोनॉमी पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त और यूक्रेन-रूस के टकराव का असर दिख सकता है। इसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि जनवरी-मार्च के बीच भी इकोनॉमी की रफ्तार धीमी ही रहेगी।
दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुधार का सबसे बड़ा कारण लो बेस था। हालांकि खपत और निवेश में भी सुधार आया था। वैक्सीनेशन, कम ब्याज दरों की वजह से सेंटिमेंट में सुधार दिखा था। इस वित्त वर्षमें कुल 8.9 फीसदीकी ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है। अक्टूबर से दिसंबर 2020 के दौरान कोरोना महामारी के असर के कारण जीडीपीकी ग्रोथ रेट महज 0.4 फीसदीरही थी। अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के 9 महीने में सरकार को टैक्स से 15.47 लाख करोड़ रुपए मिले हैं, जबकि 28.09 लाख करोड़ रुपए इसी दौरान खर्च हुए।