गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने आज सत्तापक्ष में खलबली पैदा कर दी। नकल माफिया और गुरुकुल यूनिवर्सिटी फर्जीवाड़े की बात करते हुए यादव रो पड़े और काले कपड़े पहनकर सीधे जयपुर के सेंट्रल पार्क पहुंचकर दौड़ने लग गए।
समाचार लिखे जाने तक विधायक यादव 37 डिग्री तापमान में सेंट्रल पार्क के 24 चक्कर लगाने के साथ कुल 108 किलोमीटर की दौड़ लगा चुके थे। उनके स्वास्थ को देखते हुए सेंट्र्ल पार्क के हर गेट पर एंबुलेंस तैनात की गई है। यादव का कहना है कि वे सरकार का विरोध करने के लिए 12 घंटे तक दौड़ेंगे।
विरोध के इस अनोखे तरीके को देखते हुए बड़ी संख्या में विधायक समर्थक भी सेंट्रल पार्क में एकत्र हो गए। सरकार को जब उनके फैसले की जानकारी मिली तो जलदाय मंत्री महेश जोशी उन्हें मनाने के लिए सेंट्रल पार्क पहुंचे और वहां ट्रैक पर बैठ गए, लेकिन यादव ने किसी की नहीं सुनी।
सेंट्रल पार्क में दौड़ने से पूर्व बलजीत यादव ने फेसबुक पर लाइव आते हुए कहा- मैं सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहा हूं। दम घुटता है जब लोग इस तरह की निर्लज्जता दिखा रहे हैं। इसके प्रति रोष तो प्रकट कर ही सकता हूं, इसलिए स्वयं को कष्ट देकर सरकार को बताना चाहता हूं कि प्रदेश का युवा कितना पीड़ित है। 23 राज्य ऐसे हैं, जहां पर प्रदेश के युवा को नौकरी नहीं दी जा रही है। राज्य सरकार नौकरी दे नहीं देगी तो युवा बेरोजगार कहां जाएंगे? राजस्थान के युवाओं की नौकरी पर डाका क्यों डाला जा रहा है?
लाइव रहने के दौरान ही यादव रो पड़े। रोते हुए वे बोले- जनता लाचार है। मैं इन गुंडों से नहीं लड़ सकता, इसलिए मुझे अपना गुस्सा जाहिर करना है।
उन्होंने कहा- कुलपति बिना बिल्डिंग के बने रिपोर्ट बनाकर सरकार को बता रहे हैं कि बिल्डिंग बन चुकी है, जबकि धरातल पर खाली जमीन है। सरकार आंखों देखी मक्खी कैसे निगल रही है। सरकार उस यूनिवर्सिटी को मान्यता भी दे रही है। पता चलने पर बिल वापस ले लिया गया। सरकार ने माना भी कि बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है, लेकिन उसके बाद भी किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन सभी लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी होगी।
विधायक के दौड़ने की खबर मिलने के बाद मंत्री महेश जोशी, भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ सहित कई विधायक सेंट्रल पार्क पहुंचे। नेताओं ने विधायक को दौड़ने से रोका। महेश जोशी तो ट्रैक पर ही बैठ गए। विधायक बलजीत यादव ने जोशी से कहा कि जो संकल्प लिया है, वह उसे पूरा कर के ही दम लेंगे। बीच में अपना संकल्प नहीं तोड़ने वाले। इसके बाद बलजीत यादव ने दोबारा दौड़ना शुरू कर दिया।
