सरिस्का में पिछले 7 दिन में दूसरी बार लगी आग पर भी काबू पा लिया है। पहली बार में करीब 25 वर्ग किमी का जंगल जला। दूसरी बार की आग में करीब 3 वर्ग किमी का एरिया जल गया। वन विभाग ने दावा किया है कि अभी तक कोई बड़ा नुकसान सामने नहीं आया। मगर सरिस्का के बाघ और तेंदुआ समेत अन्य जंगली-जानवरों की क्षेत्र-सीमा बिगड़ चुकी है। गर्मी के कारण जानवर अपना क्षेत्र छोड़ रहे हैं।
सरिस्का में जहां आग लगी है वहां बाघ एसटी 17 व उसके दो शाव, बाघ 8 व बाघ 15 की टेरिटरी है। आग की गर्मी के कारण बाघ समेत दूसरे जानवर अपनी टेरिटरी से दूर चले गए है। सरिस्का के अधिकारियों का कहना है कि बाघ आग से दूर हैं, उनको कोई खतरा नहीं है।
डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि 150 लोगों की टीम ने सोमवार को दिनभर आग बुझाने का काम किया। मंगलवार सुबह से पानी डालना जारी है, ताकि आग दुबारा से नहीं भड़के। आग लगने के अंतिम छोर पर पानी डालकर इसे बुझाया जाता है, जिससे आग आगे कम से कम बढ़़े। सरिस्का के अधिकारी बता रहे हैं कि आग पूरी तरह बुझ चुकी है। अब केवल पानी डालकर पूरी आग को शांत करने के लिए टीम लगी है।
वन अधिकारियों का कहना है कि बाघ का विचरण क्षेत्र अधिक होता है। पहले भी पहाड़ के ऊपर आग लग चुकी है। इस बार भी पहाड़ की चोटी पर आग लगी है। आग लगने के कारण भी सामने नहीं हैं। केवल अनुमान है कि किसी व्यक्ति के बीड़ी पीकर फेंकने से आग लगी है। इस समय पूरे जंगल में सूखी घास व पत्ते हैं, ऐसे में आग जल्दी लग जाती है।
