
करौली की घटना के बाद राजस्थान में प्रशासन अलर्ट है। नवरात्र व रमजान को देखते हुए धारा 144 लागू की गई है। रैली, जुलूस, शोभयात्राओं पर बैन लगाया जा रहा है। इसके चलते राजसमंद जिले के देवगढ़ में निकलने वाली शोभायात्रा व धर्मसभा को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। वहां आ रहे हिंदूवादी नेता उपदेश राणा की राजस्थान में एंट्री को भी बैन कर दिया गया है।
मेरठ के हिंदूवादी नेता उपदेश राणा अपने बयानों और कार्यों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। उनके सोशल मीडिया पर उपदेश के लाखों फोलोअर्स हैं। उपदेश के वीडियोज को कई बॉलीवुड एक्टर्स भी शेयर करते हैं। हिंदूवादी संगठनों में उपदेश खासे लोकप्रिय हैं। वे तब सुर्खियों में आए जब प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ फतवा जारी करने वाले एक व्यक्ति को उपदेश व उसके साथियों ने धर्मस्थल पर घुसकर पीटा था। इसके अलावा भी उनके खिलाफ विवादित बयानों के आरोप रहे हैं। ऐसे में राजसमंद प्रशासन ने उपदेश राणा के नाम से पत्र जारी कर उनके राजस्तान आने पर रोक लगा दी।
रोक के बाद उपदेश ने वीडियो जारी कर बताया कि वे राजस्थान आने के लिए निकल चुके हैं, रास्ते में हैं। लेकिन वहां के प्रशासन ने रोक दिया। क्या मैं भारत का नागरिक नहीं हूं। उन्होंने कन्हैया कुमार का नाम लेकर कहा कि उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले हैं। फिर भी वे पूरे देश में कहीं भी घूम सकते हैं, लेकिन मैं नहीं। क्या राजस्थान में सांस भी लेने के लिए परमिशन लेनी पड़ेगी।
रामनवमी पर जिले के देवगढ़ में निकलने वाली शोभायात्रा और धर्मसभा को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इसी कार्यक्रम में भाग लेने उपदेश राणा आने वाले थे। आयोजक बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने अनुमति मांगी थी। प्रशासन ने आदेश जारी कर अनुमति नहीं दी। देवगढ़ एसडीएम सीपी वर्मा की ओर से कहा गया कि विहिप व बजरंग दल ने 10 अप्रैल को रामनवमी पर कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी गई, आयोजन में उपदेश राणा धर्मसभा को संबोधित करने वाले थे। वहां शांति व्यवस्था भंग होने की संभावना थी। सांप्रदायिक तनाव के हालात बन सकते थे, इसलिए अनुमति नहीं दी।