वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की मई में होने वाली बैठक से पहले सरकार ने राज्यों से 143 वस्तुओं पर कर दर बढ़ाने को लेकर सुझाव मांगे हैं। अगर राज्यों से इन सुझाव पर सहमति बन जाती है, तो आम आदमी को महंगाई की एक औऱ मार से परेशान होना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि जिन 143 वस्तुओं के कर दरों में सरकार ने बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है, उसमें से 92 प्रतिशत वस्तुओं को 18 प्रतिशत कर दर में हस्तांतरित करने की बात कही गई है।
इस बढ़ती महंगाई को लेकर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए चेतावनी जारी की है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, अभी गर्मी व महंगाई और झुलसायेगी ! मोदी सरकार ने रोज़मर्रा की 143 वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाने का फ़ैसला लिया, ताकि हर महीने ₹1,42,000 करोड़ से अधिक वसूली हो। क्या फ़र्क़ पड़ता है अगर – जेब में पैसा नहीं, बजट बिगड़ गया है। क्योंकि…भाजपा है तो यही मुमकिन है।
खबरों के अनुसार जिन 143 चीजों के दाम बढ़ सकते हैं उनमें पापड़, गुड़, पॉवर बैंक, घड़ी, सूटकेस, परफ्यूम, टीवी (32 इंच तक का), चॉकलेट, कपड़े, गॉगल्स, फ्रेम, वाशबेसिन, अखरोट, कस्टर्ड पाउडर, हैंड बैग्स, च्यूइंग-गम, नॉन-अल्कोहलिक ड्रिंक, चश्मा और चमड़े की चीजें शामिल हैं। जीएसटी काउंसिल की ओर से अधिकतर उन्हीं वस्तुओं पर कर की दर को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है, जिन पर सरकर ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले नवंबर 2017 और दिसंबर 2018 में कर की दर को घटा दिया था।
इसके अलावा कई चीजों को छूट की सूची से हटाकर टैक्स के दायरे में लाने पर भी विचार किया जा रहा है। राज्यों की सहमति के बाद से कई चीजें छूट की सूची से बाहर हो जाएंगी। इसमें गुड़ और पापड़ है। ऐसे में ग्राहकों को उन चीजों को खरीदने के लिए अधिक पैसे चुकाने होंगे। लिस्ट में शामिल 143 वस्तुओं की जीएसटी दर 18 प्रतिशत के स्लैब से हटाकर 28 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब में रखा जाएगा। अगर कर बढ़े तो फिर से महंगाई बढ़ेगी।
